साकची में शुक्रवार को सड़क दुर्घटना में एक साधु अमरजीत गिरी घायल हो गया। घटना धतकीडीह ब्लड बैंक के पास दोपहर 12 बजे घटी। रात 11 बजे घायल साधु को साकची 9 नंबर बस स्टैंड के निकट देखकर जब लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया तो उसने सड़क दुर्घटना को फायरिंग का रूप देने की कोशिश की। ज्योंहि पुलिस को गोली लगने की सूचना मिली, अफरातफरी मच गई। उसके बाद साधु का कहना था कि उसे कालू नामक युवक ने गोली मारी। पुलिस रात 12 बजे कालू को पकड़कर जब साधु के सामने लाई तो साधु ने कालू के फायरिंग करने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि कालू का एक दोस्त है, जिसने उसपर हमला किया। साधु के विरोधाभास बयान को देखते हुए पुलिस ने उसके जख्म का एक्सरे कराया। पता चला कि पैर में कहीं भी पिलेट फंसा नहीं है। यदि साधु को गोली मारी जाती तो पैर में पिलेट होता। चिकित्सकों ने भी एक्स-रे रिपोर्ट के बाद कहा कि गोली नहीं लगी है, बल्कि किसी नुकीले पदार्थ का जख्म है। जब तमाम रिपोर्ट सामने आई तब उसके बाद साधु बयान की वास्तविकता पर आया और उसने कहा कि वह दुर्घटना में घायल हुआ है और जिसने धक्का मारा उसने इलाज के लिए सौ रुपये दिए हैं। उसके बाद पुलिस ने चेतावनी देकर साधु को छोड़ दिया। साधु अमरजीत नशे में धुत है और वह मानगो के सुभाष कॉलोनी में रहता है।

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