2021 महाकुंभ में आपको अलग-अलग वेश में अलग-अलग प्रांतों के साधु सन्यासी मिलेंगे सबका एक ही उद्देश्य होता है कि वह अपने आप को दुनिया में साधु संतों में अलग साबित कर सकें लेकिन इसी बीच कुछ साधु जो अपने लिए नहीं जीते केवल दूसरों के लिए ही धन का कार्य करते हैं वह मिल जाते हैं ऐसे ही एक उच्च कोटि के साधु महानिर्वाणी अखाड़े में रोज जनकल्याण और सभी के लिए हवन पूजन करते हैं जिनका धूना 24 घंटे जागृत अवस्था में रहता है जिसमें अग्नि हमेशा प्रज्वलित रहती है जिसकी तपेश महसूस की जा सकती हैं। वह गुजरात से आए हुए देव गिरी महाराज जी जो नित्य प्रतिदिन हवन अनुष्ठान करते हैं जिसमें कोई भी आकर आहुती दे सकता है। और अपने कष्टों का निवारण कर सकता है। देवगिरी के मुख्य मंडल से जब मंत्रों का उच्चारण होता है तो हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है। उनकी मधुर वाणी में किए हुए मंत्र उच्चारण एक अनोखी ऊर्जा प्रदान करते हैं जिससे आसपास में देवी शक्ति का अनुभूति होती है। हमने भी बहुत सारे हवन अनुष्ठान देखे हैं। परंतु देव गिरि महाराज जी द्वारा किए गए अनुष्ठान की बात ही कुछ और है गुजरात से आकर नित्य प्रतिदिन अपने खर्चे पर हवन सामग्री पुष्पा दी की पूरी व्यवस्था वह स्वयं करते हैं। और साथ में आने वाले साधु संतों को किसी प्रकार की कोई कमी महसूस नहीं होती इतनी हवन सामग्री का अवस्था वो पहले से ही करके रखते हैं पूजन के बाद प्रसाद कभी पूर्ण प्रबंध रहता है। इसलिए कुंभ में वह अपना एक अलग स्थान बनाए हुए हैं। उज्जैन के यह वही रबड़ी वाली बाबा है जिन्होंने नित्य प्रतिदिन वहां रबड़ी का भंडारा किया था हर कुंभ में वह अपना एक अलग रूप लेकर आते हैं। इस बार वह करुणा से प्रभावित देश को और तुमको हर प्रकार की बीमारी से मुक्त करने के लिए अनुष्ठान कर रहे हैं। ऐसा व्यक्ति ऐसा साधु हमेशा पूजनीय होता है।