बैकुंठ एकादशी के अवसर पर रंगनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भगवान रंगनाथ ने बैकुंठ द्वार से भक्तों को दर्शन दिए। वर्ष में एक बार ही भक्तों को ऐसे दर्शन होते हैं।

मथुरा के वृंदावन में रंगनाथ मन्दिर में मंगलवार को बैकुंठ एकादशी के अवसर पर बैकुंठ द्वार को खोला गया। वर्ष में एक बार खुलने वाले बैकुंठ द्वार पर विराजमान होकर भगवान ने भक्तों को दर्शन दिए।
ब्रह्म मुहूर्त में सुबह पांच बजे भगवान रंगनाथ माता गोदा जी के साथ परंपरागत वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि के मध्य निज मन्दिर से पालकी में विराजमान हो कर बैकुंठ द्वार पहुंचे। भगवान रंगनाथ की सवारी बैकुंठ द्वार पर पहुंचने पर मंदिर के महंत गोवर्धन रंगाचार्य जी के नेतृत्व में सेवायत पुजारियों ने पाठ किया।
प्रभु ने भक्तों को करीब तीन घंटे दर्शन दिए। मान्यता है कि बैकुंठ एकादशी पर जो भी भक्त बैकुंठ द्वार से निकलता है, उसे बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। बड़ी संख्या मे भक्तों ने प्रभु का संकीर्तन करते हुए आस्था की डुबकी लगाई। इस अवसर पर मंदिर परिसर को रंग बिरंगे पुष्पों से सजाया गया। श्रद्धालुओं को चाय, दूध और हलवा प्रसाद बांटा गया।