हरिपुर में चोरी की एक ऐसी कहानी सामने आई है, जहां सजा न जेल की मिली, न जुर्माने की। मंदिर के दानपात्र से सालभर का चढ़ावा उड़ाने वाले तीन नाबालिगों को मंदिर कमेटी ने अनोखे तरीके से सबक सिखाया।ऐतिहासिक कस्बे हरिपुर में चोरी की एक ऐसी कहानी सामने आई है, जहां सजा न जेल की मिली, न जुर्माने की। मंदिर के दानपात्र से सालभर का चढ़ावा उड़ाने वाले तीन नाबालिगों को मंदिर कमेटी ने अनोखे तरीके से सबक सिखाया। नाबालिगों को सात दिन तक रोजाना मंदिर आकर हनुमान चालीसा का पाठ करने, झाडू-पोंछा लगाने और पूजा-अर्चना की सजा दी गई है। मामला बीते रविवार का है। हरिपुर के श्री रामचंद्र मंदिर परिसर स्थित मां नवदुर्गा मंदिर से अज्ञात बदमाशों ने दानपात्र पर हाथ साफ कर दिया था। चोरी की घटना का पता तब चला जब मंदिर से कुछ दूरी पर झाड़ियों में खाली दानपात्र पड़ा मिला। सूचना मिलते ही मंदिर कमेटी सक्रिय हुई और पुलिस को भी सूचित किया गया। जब मंदिर के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई तो उसमें क्षेत्र के ही तीन नाबालिग लड़के चोरी करते हुए नजर आए।दानपात्र में साल भर का चढ़ावा जमा था। शातिरों ने उसमें से केवल चंद सिक्के और 10-10 के नोट छोड़कर बाकी सारी नकदी उड़ा ली थी। पहचान होने के बाद जब तीनों नाबालिगों को पकड़ा गया तो मंदिर प्रबंधन के सामने दो रास्ते थे, या तो उन्हें पुलिस को सौंपा जाए या फिर उन्हें सुधरने का एक मौका दिया जाए। मंदिर कमेटी के सदस्यों और स्थानीय ग्रामीणों ने एक विशेष बैठक बुलाई। बैठक में यह बात उभरकर आई कि यदि इन बच्चों पर कानूनी कार्रवाई हुई तो इनके भविष्य पर हमेशा के लिए अपराधी का ठप्पा लग जाएगा। इस पर तय किया गया कि इन बच्चों को सजा के तौर पर अगले एक सप्ताह तक मंदिर की शरण में रहना होगा। सोमवार से ही यह प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जहां ये नाबालिग मंदिर परिसर में झाडू लगाते, कूड़ा साफ करते और भक्ति भाव से हनुमान चालीसा का पाठ करते नजर आ रहे हैं

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