हरिद्वार मेला प्रशासन ने सात संन्यासी समेत दस अखाड़ों के संतों की छावनी और महामंडलेश्वर नगर के लिए गौरीशंकर द्वीप, दक्ष द्वीप और बेलवाला के ध्यानकुंज में भूमि आवंटित कर दी है। 18 लाख 80 हजार वर्ग फुट भूमि आवंटन के बाद अखाड़ों ने अपनी-अपनी छावनियां लगाने के लिए सीमांकन शुरू कर दिया है। आगामी एक सप्ताह में अस्थायी निर्माण पूरे होते ही अखाड़ों के संतों की छावनियां गौरीशंकर द्वीप में बस जाएगा। इस तरह तीनों बैरागी समेत सभी 13 अखाड़ों को 31 लाख 46 हजार वर्ग फुट भूमि आवंटित हो गई है।संन्यासी अखाड़ों को पूर्व में भूमि आवंटन नहीं होने से उनकी छावनियां अखाड़ा परिसर में बनी हैं। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की पहल पर तीनों बैरागी अखाड़ों के संतों को बैरागी क्षेत्र में 12 लाख 66 हजार वर्ग फुट भूमि आवंटन के बाद संन्यासी अखाड़े भी भूमि आवंटन की मांग कर रहे थे।अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि और महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि की मांग पर मेला प्रशासन ने सभी दस अखाड़ों को गौरीशंकर द्वीप, दक्ष द्वीप और ध्यानकुंज के पास भूमि आवंटित की है। मेलाधिकारी दीपक रावत और अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह ने संतों और अधिकारियों की मौजूदगी में भूमि की पैमाइश कराई।

इसमें पंचायती बड़ा उदासीन को एक लाख वर्ग फुट दक्षद्वीप में जगह मिली है। महामंडलेश्वर नगर के लिए गौरीशंकर द्वीप में आठ लाख 24 हजार वर्ग फुट भूमि आवंटित हुई है। जबकि जूना अखाड़े को बेलवाला सेक्टर के ध्यानकुंज में सात लाख वर्ग फुट जमीन मिली है। बाकी आठ अखाड़ों को गौरीशंकर द्वीप में तीन लाख 56 हजार वर्ग फुट जमीन मिली है। शुक्रवार को आवंटित भूमि का सीमांकन कर अखाड़ों ने अस्थायी निर्माण शुरू करवा दिया है। छावनियां तैयार होते ही अखाड़ों के संत वहां शिफ्ट हो जाएंगे।दस अखाड़ों को भूमि आवंटन हो गया है। अखाड़े अपने स्तर से अस्थायी निर्माण करेंगेे। मेला प्रशासन पानी और शौचालय उपलब्ध कराएगा।

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