बाबरी मस्जिद एलान पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि जो बाबर के साथ खड़े होगा उनके साथ वही सलूक होगा।

बदरीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने के बाद सभी चारो धामो की पूजा उनके गद्दी स्थलों ऊखीमठ, पांडुकेश्वर, मुखबा और पांडुकेश्वर में पूजा अर्चना की जाती है। शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने यात्रा शुरू कर दी है।
अविमुक्तेश्वरानंद शीतकालीन चार धाम यात्रा पर रवाना हो गए। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा भगवान की कृपया है कि उत्तराखंड में सनातनी चारधाम की यात्रा निर्वाहन रूप से कर पा रहे है ग्रीष्म काल मे जिन स्थानों पर चार धामो की पूजा होती है शीतकाल में वहाँ पहुँच पाना कठिन हो जाता है। जब से हम ज्योतिषपीठ पर आये है तब से शीतकालीन चारधाम यात्रा पर जा रहे है। शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिए राज्य सरकार भी रुचि ले रही है जो बहुत ही अच्छी बात है।
पश्चिम बंगाल में टीएमसी के निलंबित विधायक की ओर से बाबरी मस्जिद वाले एलान पर भी शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने चेताया। बाबरी मस्जिद की आधारशिला रखी जाने को लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा बाबर हमारे लिए आक्रांता था उसने हमारे ऊपर जुल्म ढाए हैं। अगर बाबर से जुड़ कर कोई व्यक्ति अपनी पहचान बताता है तो हम उसको भी आक्रांता ही समझेंगे और उसी प्रकार का व्यवहार उसके साथ करेंगे।
भारत देश में आकर बाबर ने जो भी किया वो हमको पीड़ा पहुंचाने वाला काम किया और अगर आज की तारीख में कोई व्यक्ति उसी के साथ अपने आपको खड़ा रखता है की हम बाबर के लोग है तो ऐसे लोगो के साथ बाबर जैसा ही व्यवहार होना चाहिए।