हरिद्वार। आर्य उप प्रतिनिधि सभा की ओर से महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती और आर्य समाज की स्थापना के 150 वर्ष पूर्ण होने पर रविवार को भव्य आर्य राष्ट्र निर्माण यात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में आर्य समाज की विभिन्न संस्थाओं, गुरुकुलों और स्कूली छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक व वैदिक प्रस्तुतियां दीं। यात्रा से पूर्व स्वामी दर्शानंद गुरुकुल महाविद्यालय परिसर में पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के नेतृत्व में हवन-यज्ञ हुआ। वक्ताओं ने वैदिक सिद्धांतों और आर्य उपासना पर विस्तार से जानकारी दी। योग गुरु स्वामी रामदेव ने वेदों को जीवन में उतारने का आह्वान करते हुए कहा कि महर्षि दयानंद ने अंधविश्वास दूर कर देशभर में जागरण की क्रांति पैदा की। उन्होंने भक्ति गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम में ऊर्जा भरी। कार्यक्रम संयोजक स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि समाज पाश्चात्य प्रभाव में अपनी संस्कृति से दूर हो रहा है, ऐसे में महर्षि दयानंद के सिद्धांतों को अपनाना जरूरी है। यात्रा में श्रीमहंत कोठारी, प्रो. सत्यदेव विद्यालंकार, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, स्वामी धर्मानंद, हाकम सिंह आर्य, स्वामी घनश्याम, योगी प्रज्ञानंद, स्वामी मुक्तिवेश, स्वामी वैदिक देव, मेघानंद सरस्वती, ओमानंद परिव्राजक, अमन शास्त्री, रमाकांत, बलवंत चौहान, अभिषेक, गौतम खट्टर, योगेश्वरानंद सहित विभिन्न राज्यों से आए आर्य उपासक शामिल हुए।

आर्य राष्ट्र निर्माण यात्रा के तहत शहर में निकली भव्य शोभायात्रा के दौरान सड़कें केसरिया रंग में रंगी रहीं। शोभायात्रा गुरुकुल ज्वालापुर से शुरू होकर सिंहद्वार, आर्यनगर चौक, वेद मंदिर आश्रम, शंकर आश्रम, चंद्राचार्य चौक होते हुए रेलवे स्टेशन स्थित शिवमूर्ति से आगे बढ़कर तुलसी चौक पर संपन्न हुई।

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