सनातन एकता हिंदू पदयात्रा के दौरान बाबा बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास़्त्री ने कहा कि ये यात्रा देश के हिंदू को एकसूत्र में पिरोने की यात्रा है। देश में अवैध धर्मान्तरण होने वाली दिशा में फिर यात्रा निकालेंगे।

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा वह न थके हैं और ना थकेंगे, न रुके हैं न रुकेंगे। यात्रा का मुख्य उद्देश्य देश-दुनिया के सनातनी हिंदू को एक सूत्र में जोड़ना है। ताकि आने वाली पीढ़ियां, संपत्ति, मठ-मंदिर, बेटियां एवं रोटियां बच सकें। यह पदयात्रा में तन का विश्राम है। विचार यात्रा जारी रहेगी। उन्होंने घोषणा की है कि 3.0 यात्रा फिर शुरू होगी, इसका समय परिस्थिति के अनुसार निश्चित किया जाएगा, जोकि उस दिशा में जाएगी जहां धर्मांतरण हो रहा है।
यह बातें उन्होंने रविवार को छटीकरा स्थित चारधाम मंदिर के समीप धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने हिंदू एकता का देश में जन-जन में सूत्र पिरोने के लिए पांच संकल्प भी दिलाए। उन्होंने कहा कि पदयात्रा के शुरुआत में ही विरोध बहुत हुए। लोगों ने धमकाने के साथ ही विरोध किया, दिल्ली में बस विस्फोट हो गया, लेकिन सनातनी हिंदू अपने संकल्प के साथ यात्रा में आगे बढ़ते रहे। उन्होंने धर्मसभा में शामिल लाखों लोगों को पांच प्रण लेकर घर जाने को कहा। उन्होंने कहा कि इसमें पहला जुड़ो और जोड़ो, इसमें प्रत्येक को पांच परिवारों को कट्टर सनातनी हिंदू बनाना है। दूसरा प्रण भगवा अभियान, इसमें अपने घरों पर धर्मध्वज लगाना और लोगों को भी इसे लगाने के लिए प्रेरित करना।
तीसरा प्रण है कि जब भी देश के हिंदुओं पर खतरा आएगा तब साधु-संतों का कमंडल और बागेश्वर धाम का मंडल सबसे आगे आएगा। गांव-गांव में मंडल का गठन करना है। मंडल द्वारा गांव में प्रत्येक माह में सनातन हिंदू एकता यात्रा निकालनी है। चौथा प्रण है घर वापसी अभियान, इसमें जिन हिंदुओं ने किसी प्रलोभन में अन्य धर्म अपना लिया है, उन्हें अपने धर्म में वापस लाना। उन्होंने पांचवां प्रण लोगों को लेने के लिए कहा कि देशभर में जितने भी तीर्थ है, उन तीर्थों में मांस-मदिरा की दुकान नहीं होगी। जहां भगवान होगा वहां दुकान नहीं होगी।