
अयोध्या। राम मंदिर में होने वाले ध्वजारोहण समारोह का शुभारंभ 20 नवंबर को कलश यात्रा से होगा। इसमें संत, पुरोहित, वैदिक ब्राह्मण और 108 कलश लेकर महिलाएं शामिल रहेंगी। कलश यात्रा मंदिर परिसर से निकलकर सरयू तट तक जाएगी, जहां कलश में सरयू जल भरकर वापस मंदिर आएगी और यज्ञ मंडप में कलश स्थापना की जाएगी। सरयू तट पर विशेष पूजन भी होगा।
कलशों में सरयू जल, पंचगव्य और शुभ सामग्री भरकर इन्हें मंदिर के वैदिक मंडप तक ले जाया जाएगा, जहां अनुष्ठान की मुख्य प्रक्रिया प्रारंभ होगी। ध्वजारोहण समारोह के लिए पांच दिवसीय अनुष्ठान 21 नवंबर से शुरू होगा। 25 नवंबर को सुबह अनुष्ठानों की पूर्णाहुति होगी। इसी दिन ध्वजारोहण का मुख्य कार्यक्रम निर्धारित है। पंचांग के अनुसार इस दिन श्रीसीताराम विवाहोत्सव व उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का अत्यंत शुभ योग भी बन रहा है। अभिजीत मुहूर्त (सुबह 11:47 से दोपहर 12:29 बजे) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के शिखर पर ध्वज की प्रतिष्ठा और ध्वजारोहण करेंगे।
ध्वजारोहण का अनुष्ठान काशी के आचार्य गणेश्वर द्रविड़ के निर्देशन में होगा। गणेश्वर द्रविड़ के ही आचार्यत्व में भूमिपूजन, प्राण प्रतिष्ठा, राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का भी अनुष्ठान संपन्न हुआ। अनुष्ठान में काशी, दक्षिण भारत समेत अयोध्या के 108 आचार्य शामिल होंगे। ध्वजारोहण से पहले कई चरणों का पूजन, संकल्प और वैदिक हवन होगा। अनुष्ठानों के क्रम में श्रीराम मंत्र का जाप, राम चरित मानस का पारायण, चारों वेदों का नित्य पाठ होगा। आचार्यों का दल 19 नवंबर तक अयोध्या पहुंच जाएगा। अनुष्ठान के लिए यज्ञमंडप की साज-सज्जा की जा रही है।
पूजन-अर्चन के साथ हुआ सीता रसोई का उद्घाटन
ध्वजारोहण समारोह से पहले परकोटा के उत्तरी दिशा में सीता रसोई का निर्माण पूरा हो चुका है। सीता रसोई का शुभारंभ शुक्रवार को पूजन-अर्चन के साथ हो गया। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र, महंत दिनेंद्र दास व एसपी सुरक्षा बलरामाचारी दुबे पूजन में शामिल हुए। अभी तक रामलला का भोग प्रसाद अस्थायी रसोई में तैयार हो रहा था। शुक्रवार को सीता रसोई में बना पहला भोग प्रसाद रामलला को अर्पित किया गया। एकादशी पर्व पर विशेष पूजन भी हुआ। शनिवार को अभिजित मुहूर्त में एक बार फिर अनुष्ठान-पूजन होगा।