शैलेंद्र योगिराज ने कहा कि हिन्दू भी किसान होता है। मुसलमान भी किसान होता है। सिख भी किसान होता है और ईसाई भी किसान होता है। इसलिए किसान राष्ट्र बनने से सभी में एकता बनी रहेगी।

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के हिन्दू राष्ट्र के बाद अब किसान राष्ट्र की मांग शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के शिष्य शैलेंद्र योगिराज सरकार ने उठाई है। मथुरा के कोसीकलां में बृहस्पतिवार की शाम को शिष्य शैलेंद्र योगिराज ने पत्रकारों से वार्ता में कहा कि हिन्दू राष्ट्र से लोगों का पेट नहीं भरेगा। लोगों का पेट किसानों से ही भरेगा। बार बार हिन्दू राष्ट्र की मांग से देश में अशांति जैसे हालात पैदा हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर हिन्दू राष्ट्र के बाद मुस्लिम राष्ट्र, सिख राष्ट्र, ईसाई राष्ट्र, बौद्ध राष्ट्र आदि की भी मांग उठने लगें तो देश में हालात बिगड़ जाएंगे। प्रजातंत्र में सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है। उनका मानना है कि किसान राष्ट्र बनने से एकता आएगी। क्योंकि हिन्दू भी किसान होता है। मुसलमान भी किसान होता है। सिख भी किसान होता है और ईसाई भी किसान होता है। इसलिए किसान राष्ट्र बनने से सभी में एकता बनी रहेगी। किसान का ही पैदा किया हुआ सभी संत महात्मा भी खाते हैं।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले किसानों के हित के लिए किसान राष्ट्र की मांग संतों को करनी चाहिए। देश में एकता के लिए किसान राष्ट्र ही एक ऐसा माध्यम है, जिससे सभी को एकता के सूत्र में बांधा जा सकता है। क्योंकि देश की 70 प्रतिशत आबादी गांव में बसती है। हमारा देश कृषि प्रधान देश है। उन्होंने कहा कि किसान देश का भाग्य विधाता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए प्रतापगढ़ जिले के गांव सराय महेश पट्टी में विश्व का पहला अन्नदाता किसान देवता का मंदिर बनवा रहा हूं।