
मिश्री मठ में पंचदिवसीय पूर्णिमा महोत्सव के तीसरे दिन हुआ संत समागम
हरिद्वार। मिश्री मठ में आयोजित पंचदिवसीय पूर्णिमा महोत्सव के तीसरे दिन संत समागम का आयोजन किया गया। इस दौरान संतों की गरिमामयी उपस्थिति में करौली शंकर महाराज ने उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में राज्य निर्माण आंदोलनकारियों को अंग वस्त्र और उपहार देकर सम्मानित किया। सम्मान पाने वालों में देहरादून, ऋषिकेश, रायवाला, हरिपुर और हरिद्वार के आंदोलनकारी शामिल रहे।
करौली शंकर महादेव महाराज ने इस अवसर पर कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है और इसके निर्माण में सैकड़ों आंदोलनकारियों ने अपना बलिदान दिया है। उन्होंने कहा, उत्तराखंड अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण कर रजत जयंती वर्ष मना रहा है। ऐसे में हमारा यह कर्तव्य है कि हम उन अमर शहीद हुतात्माओं को नमन करते हुए उन आंदोलनकारियों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करें, जिनके अदम्य साहस और संघर्ष से इस राज्य का निर्माण संभव हुआ।
संतों ने किया कार्यक्रम को संबोधित
संत समागम में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि तंत्र, मंत्र, ध्यान योग और ध्यान साधना से मनुष्य जीवन को सार्थक दिशा मिलती है। कार्यक्रम में स्वामी चक्रपाणि महाराज (भारत हिन्दू महासभा के अध्यक्ष), श्रीमहंत देवानंद सरस्वती महाराज (जूना अखाड़ा के पूर्व सचिव), श्रीमहंत दुर्गादास महाराज (वैष्णव अखाड़ा), भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज, बाबा बलराम दास हठयोगी और श्रीमहंत देवानंद सरस्वती ने भी अपने विचार व्यक्त किए और उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित किया।