नंदगांव में गोपाष्टमी का पर्व सुबह से ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। गोपाष्टमी पर्व के अवसर पर श्रीकृष्ण-बलराम के बाल स्वरूप सजाकर ग्वाल-बालों की टोली नगर की गलियों में घूमीं।

ब्रजभूमि का पवित्र गांव नंदगांव रविवार को द्वापर युग की झलकियों से भर उठा। गोपाष्टमी पर्व के अवसर पर श्रीकृष्ण-बलराम के बाल स्वरूप सजाकर ग्वाल-बालों की टोली नगर की गलियों में घूमी। हाथों में लकुटी, कमर में बंसी और कंधों पर सखा बैठाए नन्हे गोपाल जब नगर भ्रमण को निकले, तो गलियां “जय नंदलाल, जय कन्हैया लाल” के जयघोष से गूंज उठीं। गोपियों ने द्वार-द्वार पर माखन, मिश्री और छाछ की छछिया रखकर नंदलाल का स्वागत किया।
यह दृश्य किसी लोक उत्सव से कम नहीं था। ग्वाल-बालों की टोली जब नंदभवन, कारे मंदिर, हाऊविलाऊ, यशोदा कुंड और कदम्ब टेर से होते हुए निकली, तो श्रद्धालु भी भावविभोर हो उठे। परंपरा के अनुसार, नंदगांव वही भूमि है जहां श्रीकृष्ण ने प्रथम बार गोचारण आरंभ किया था। इस पावन स्मृति को जीवंत करते हुए बच्चों ने गोवंश संरक्षण और पर्यावरण संतुलन का संदेश भी दिया।
हास्य पदों और समाज गायन से वातावरण आनंदमय हो उठा। दोपहर बाद श्रीकृष्ण-बलराम स्वरूपों का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। नंदभवन परिसर में भजन संध्या और प्रसादी वितरण हुआ।