करीब साल भर पहले अपने मूल धर्म में वापसी करने वाले जौनपुर के खुज्झी निवासी वीरेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि शादी, इलाज के लिए आर्थिक प्रलोभन देकर लोगों को धर्मांतरण कराया जाता है। एक व्यक्ति का धर्मांतरण कराने पर 25 हजार रुपये दिए जाते हैं। 

UP News Open rate for religious conversion 25,000 rupees for converting a person

वाराणसी पुलिस के पास धर्म परिवर्तन के जो मामले पहुंचे हैं, उसके मुताबिक मिशनरीज का मुख्य टारगेट अब फर्स्ट जनरेशन है। वह गरीब और जनजातीय परिवारों को सीधे तौर पर नहीं जोड़ रहे हैं। ये उनके बच्चों को टारगेट करते हैं। 

शादी, शिक्षा, इलाज के नाम पर आर्थिक तौर पर मदद करते हैं। धीरे-धीरे परिवार की सहानुभूति हासिल करते हैं। यह काम कुछ बिचौलियों के माध्यम से किया जाता है। इसमें उनका कमीशन तय होता है, एक व्यक्ति को जोड़ने का रेट 25-50 हजार रुपये होता है। 

जब सहानुभूति हासिल हो जाती है, तब उनको सभाओं में बुलाया जाता है। वहीं, इनके बच्चे बड़े होकर मिशनरीज संस्थाओं के लिए काम करने लगते हैं या फिर खुद धर्मांतरण करवा लेते हैं।

पहले लोग घर पर जुटते थे, सख्ती के कारण अपने-अपने घरों में ही प्रार्थना करते हैंः सुल्तानपुर के अच्छेलाल के परिवार का कहना है कि वह बपतिस्मा (शपध) कर चुके हैं। अब वह सिर्फ यीशु को मानते हैं, उनके लिए कुछ भी कर सकते हैं। 

अच्छेलाल के परिजनों ने तो अपना धर्म नहीं बदला लेकिन वे घर पर प्रार्थना करते हैं। शुरु में घर पर लोग जुटते थे मगर पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों की सख्ती की वजह से इसे बंद कर दिया। अब सभी लोग अपने-अपने घरों में प्रार्थना करते हैं। सरकी गांव के रमेश का कहना है कि चंगाई प्रार्थना सभा जाने से फायदा मिलता है। इतवार को सभा में जाएंगे।

धर्म परिवर्तन का खुला रेट
करीब साल भर पहले अपने मूल धर्म में वापसी करने वाले जौनपुर के खुज्झी निवासी वीरेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि शादी, इलाज के लिए आर्थिक प्रलोभन देकर लोगों को धर्मांतरण कराया जाता है। एक व्यक्ति का धर्मांतरण कराने पर 25 हजार रुपये दिए जाते हैं। 

इस समय खलिया, भुल्लनडीह, केराकत आदि इलाकों में लोगों को चंगाई सभा में जुटाया जाता है। ये सभाएं हर बृहस्पतिवार को सुबह और शाम को एक-एक घंटे चलती हैं। रजिस्टर में लोगों के नाम नोट किए जाते हैं। उसका धर्मांतरण प्रमोद और प्रदीप नाम के व्यक्तियों ने कराया था। प्रार्थना सभाओं में लोगों को प्रभु यीशु के नाम का पानी पिलाया जाता है। पहले दुर्गा यादव यहां धर्मांतरण कराता था। उसके परिवार के सदस्य और रिश्तेदार धर्मांतरण कर चुके हैं।

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