आरोप लगाया कि मंदिर के महंत की माता और ट्रस्टी गीतांजलि ने उन्हें बाहर भगा दिया। उन्होंने मंदिर में प्रवेश करने पर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी है।

सिद्धपीठ मां चंडी देवी मंदिर के पुजारियों ने जिलाधिकारी मयूर दीक्षित से मिलकर शिकायती पत्र सौंपा। इसमें पुजारियों ने मंदिर के महंत भवानीनंदन और उनकी माता पर उत्पीड़न का आरोप लगाया। पुजारियों ने जिलाधिकारी से मामले में हस्तक्षेप करते हुए उन्हें सुचारू रूप से मंदिर में पूजा पाठ करने की सुविधा दिलाने की मांग की है।
ज्ञापन में सुभाष ममगाईं, राकेश भट्ठ, गौरव जोशी, रोहित रावत, राकेश थपलियाल, नवीन नवानी, शिवचरण ममगाई, विजय ममगाई, विपिन बालोनी ने आरोप लगाया कि मंदिर के महंत की माता और ट्रस्टी गीतांजलि ने उन्हें बाहर भगा दिया। उन्होंने मंदिर में प्रवेश करने पर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी है। पुजारियों का आरोप है कि उनके साथ 16 अक्तूबर को अभद्रता की गई। इसका विरोध करने पर ट्रस्टी ने मंदिर में प्रवेश नहीं देने के निर्देश अन्य कर्मचारियों को दे दिए हैं। इससे उनके रोजगार पर संकट आ गया है।
पुजारी सुभाष ममगई व दो अन्य का आरोप है कि दर्शनार्थी को चुंदरी प्रसाद में देना महंत और उनकी मां के गुस्से का कारण बन गया। यही नहीं बीते दिनों इन्होंने पुजारियों से अपने घर का काम कराया और झांसे में रखा कि उनकी उपस्थिति ट्रस्ट में होती रहेगी। महीना बीतने के बाद जब वेतन आया तो इसमें पांच से सात दिनों का वेतन काट लिया गया था।
परिसर में शराब पीते थे इसलिए किया निष्कासित : गीतांजलि
पुजारियों के आरोपों को निराधार बताते हुए ट्रस्टी व महंत की मां गीतांजलि ने कहा कि जिन्होंने बिना पूछे कोई आरोप लगाया है वह बिना पूछे काम भी किया करते थे। इसके चलते उन्हें ट्रस्ट से बाहर कर दिया गया है। इन लोगों में पांच ऐसे हैं जो अमर्यादित व्यवहार कर रहे थे। इतना ही नहीं उन्होंने परिसर में शराब पीने जैसा कृत्य किया। उनके इस कृत्य पर नोटिस दिया गया था। नहीं संभले तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया है। शिकायत करना और आरोप लगाना केवल एक साजिश है। कुछ लोगों को तो पहले ही निकाल दिया गया था। इनकी चोरी के वीडियो और चुन्नी पहनाने के नाम पर श्रद्धालुओं से पैसा मांगने के प्रमाण भी हैं।