
अयोध्या। हिंदी केवल संवाद की भाषा नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और सभ्यता की आत्मा है। हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम हिंदी को तकनीक, शिक्षा और रोजगार की भाषा बनाने में सक्रिय भूमिका निभाएं। यह बातें महंत बृजमोहन दास ने कहीं। वह तुलसी स्मारक भवन में हिंदी प्रचार प्रसार सेवा संस्थान के संयोजन में हिंदी दिवस पर आयोजित गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे थे। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा काम कर रहे 70 लोगों को सम्मानित किया गया।