प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर 17 सितंबर को दिन में 11 बजे बड़ा आयोजन होगा। इस दौरान 1100 संत 1100 कमल से द्वादश ज्योतिर्लिंग और 48 शक्तिपीठ में सहस्त्रार्चन करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर देश के द्वादश ज्योतिर्लिंग और 48 शक्तिपीठों पर एक साथ वेदमंत्र गूंजेंगे। देश के शीर्ष 1100 संत 1100 कमलदल से शिव और शक्ति की आराधना करेंगे। अखिल भारतीय संत समिति ने इसका खाका भी तैयार कर लिया है। द्वादश ज्योतिर्लिंग और 48 शक्तिपीठों पर एक साथ दिन में 11 बजे आयोजन शुरू होंगे।
अखिल भारतीय संत समिति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मोत्सव की शुरुआत श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से करेगी। समिति के सभी प्रदेश महामंत्री 17 सितंबर को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा विश्वनाथ का 1100 कमल के फूलों से सहस्त्रार्चन करेंगे। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस बार प्रधानमंत्री के जन्मोत्सव को बेहद खास तरीके से मनाया जाएगा।
संत समिति पूजन की शुरुआत श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से करेगी। इसके साथ ही देश के द्वादश ज्योतिर्लिंग और 48 शक्तिपीठों में एकसाथ सहस्त्रार्चन होगा। सभी जगह देश के शीर्ष संतों की मौजूदगी में यह अनुष्ठान होगा। भारत की आध्यात्मिक शक्तियों को मजबूत करने के लिए संत समिति ने प्रधानमंत्री के जन्मोत्सव पर इस अनुष्ठान को करने का निर्णय लिया है।
काशी विश्वनाथ धाम में शामिल होंगे प्रमुख संत
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती के मार्गदर्शन में सहस्त्रार्चन होगा। इसमें महामंडलेश्वर मनमोहनदास राधे बाबा, महामंडलेश्वर हंसानंद गिरि, जगद्गुरु कौलाचार्य, जगद्गुरु बालकदेवाचार्य, स्वामी विमल देव, महामंडलेश्वर अलखनाथ, महंत रामलोचन दास, महंत ईश्वरदास समेत सभी प्रदेशों के महामंत्री रहेंगे।
द्वादश ज्योर्तिलिंग में होगा सहस्त्रार्चन
सोमनाथ – गुजरात, मल्लिकार्जुन – आंध्र प्रदेश, महाकालेश्वर – मध्य प्रदेश, ओंकारेश्वर – मध्य प्रदेश, वैद्यनाथ – झारखंड, भीमाशंकर – महाराष्ट्र, रामेश्वरम – तमिलनाडु, नागेश्वर – गुजरात, श्री काशी विश्वनाथ – उत्तर प्रदेश, त्र्यंबकेश्वर – महाराष्ट्र, केदारनाथ – उत्तराखंड, घृष्णेश्वर – महाराष्ट्र।
48 शक्तिपीठों में होगा सहस्त्रार्चन
माता विशालाक्षी, माता ललिता देवी, माता शिवानी, मां कात्यायनी, माता मातेश्वरी, हरसिद्धि देवी, नर्मदा देवी, नैना देवी, ज्वाला देवी, त्रिपुरमालिनी माता, मां महामाया, मां कामाख्या, मां चंद्रभागा, मां भ्रामरी, देवी त्रिपुर सुंदरी, बहुला देवी, मंगल चंद्रिका माता, मां महिषमर्दिनी, मां नंदनी, मां कालिका, मां देवगर्भ, मां भद्रकाली, मां नारायणी, मां विमला, मां विश्वेश्वरी, माता श्री सुंदरी, मां दुर्गा, गंडकी चंडी, मां दंतकाली, मां मनसा समेत सभी 48 शक्तिपीठों में सहस्त्रार्चन होगा।