प्रदर्शन कर रहे ब्रजवासियों ने कहा कि भारतीय संघर्ष करना जानते हैं और हमें विदेशी सामानों का बहिष्कार करते हुए स्वदेशी उत्पादों को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब हिंदुस्तान ने पोखरण परीक्षण किया था, तब भी हम झुके नहीं।

Sants and Brijvasis burnt effigy of Trump in Mathura due to tarrif war

अमेरिका द्वारा लगाए गए व्यापारिक ‘टैरिफ’ और भारत के खिलाफ बयानों के विरोध में बुधवार को मथुरा में संतों और ब्रजवासियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पुतला दहन किया। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर-मस्जिद मामले के याचिकाकर्ता दिनेश फलाहारी बाबा ने ट्रंप को मानसिक रोगी करार दिया।

फलाहारी बाबा ने कहा कि भारत ऋषि-मुनियों की तपोभूमि है और इस तरह के बयानों या नीतियों से भारत को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। उन्होंने 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षण का उदाहरण देते हुए कहा कि तब भी अमेरिका ने कड़े प्रतिबंध लगाए थे, लेकिन भारत मजबूती से खड़ा रहा और झुका नहीं।

इस मौके पर राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेश पाठक ने जोर देकर कहा कि भारतीय संघर्ष करना जानते हैं और हमें विदेशी सामानों का बहिष्कार करते हुए स्वदेशी उत्पादों को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब हिंदुस्तान ने पोखरण परीक्षण किया था, तब भी अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए थे, लेकिन हम झुके नहीं।

महामंडलेश्वर रामदास जी महाराज ने कहा कि हमारा देश न कभी किसी के सामने झुका है और न ही कभी झुकेगा। उन्होंने ‘स्वदेशी अपनाओ’ के नारे को दोहराते हुए कहा कि आत्मनिर्भरता से ही देश खुशहाल रहेगा। महंत मधुसूदन दास जी महाराज ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘नया भारत’ है, जो संघर्ष करेगा लेकिन किसी भी कीमत पर झुकेगा नहीं। इस विरोध प्रदर्शन में जिला अध्यक्ष नरेश ठाकुर ने भी सभी भारतीयों से स्वदेशी को अपनाने का आह्वान किया। 

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