चार महासू देवता के सबसे बड़े धार्मिक स्थल हनोल मंदिर में राजकीय जागड़ा मेला धूमधाम के साथ मनाया गया। महासू देवता के जयकारों से पूरा हनोल क्षेत्र रात भर गूंजता रहा। देवता के हारूल पर रात भर पारंपरिक नृत्यों का दौर चलता रहा। करीब 25 हजार से अधिक महासू भक्तों ने हनोल मंदिर में रात लगाते हुए न्याय के देवता की आराधना की।
मंगलवार को हरितालिका तीज पर हनोल मंदिर में परंपरागत जागड़ा मेला बड़े धूमधाम से आयोजित किया गया। हजारों की संख्या में मंदिर में पहुंचे श्रद्धालुओं ने महासू देवता के आगे माथा टेका। उत्तराखंड के साथ हिमाचल प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, उत्तरप्रदेश से आए श्रद्धालुओं ने रात भर मंदिर परिसर में जाग कर देवता की स्तुति की। ढोल-दमोऊ की थाप पर श्रद्धालुओं ने नृत्य कर रात्रि जागरण किया। कई श्रद्धालु मंदिर में देवता के नाम सुमिरन करते नजर आए। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर परिसर में भंडारे की व्यवस्था की गई थी। बुधवार को देव चिह्नों को मंदिर के गर्भगृह से बाहर लाया जाएगा। भक्तों को देवता की कढ़ाई और पवित्र जल का प्रसाद वितरित की जाएगी।