मुड़िया मेला में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी है। चहुंओर गिरिराज महाराज के जयकारे गूंज रहे हैं। परिक्रमा मार्ग को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग से लेकर बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन पर भीड़ नजर आ रही है।

मथुरा के गोवर्धन में गिरिराज महाराज के जयकारों के बीच तलहटी में श्रद्धा एवं आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। पग-पग पर तलहटी में भक्ति प्रस्फुटित हो रही है। रविवार को एकादशी के दिन उमस भरी गर्मी व तेज धूप भी श्रद्धालुओं की आस्था को नहीं डिगा सकी। दोपहर में हल्की बूंदाबांदी से शाम को मौसम सुहावना होने से श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई। मुड़िया मेला जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे श्रद्धालुओं का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या के कारण नजारा किसी कुंभ से कम नहीं नजर आता है। भक्त गिरिराजजी की शरण में पहुंचकर श्रद्धालु प्रभु का दूध से अभिषेक कर मनोकामना के लिए दीपक जला रहे हैं। तलहटी में चहुंओर गिरिराज महाराज के जयकारे गूंज रहे हैं। मेला क्षेत्र अब 21 किमी. से बढ़कर करीब 40 किमी. का हो गया है। परिक्रमा मार्ग को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग से लेकर बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन पर भीड़ नजर आ रही है।
श्रीकृष्ण के रूप में दर्शन देते हैं गिरिराज प्रभु
तलहटी के प्रमुख मंदिरों में विराजमान गिरिराजजी सुबह की बेला में पर्वत के रूप में दर्शन देते हैं। यहां भक्त पंचामृत से अभिषेक करते हैं। शाम को पर्वत रूप में विराजमान गिरिराजजी श्रीकृष्ण के रूप में मुकुट धारण कर वंशी बजाते दर्शन देते हैं। दानघाटी मंदिर के सेवायत पवन कौशिक ने बताया कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों के संग इंद्र का मानमर्दन करने के लिए गिरिराजजी की पूजा की थी। इसी पंरपरा में गिरिराजजी का दो स्वरूपों में पूजन होता है।