मनफेर के लिए निकले नाथों के नाथ भगवान जगन्नाथ के रथ के पहियों का इंद्रदेव ने जलाभिषेक किया। रथ पर सवार होकर भगवान जगन्नाथ भक्तों के बीच पहुंचे। पीतवर्ण में सजे-धजे भगवान के दर्शन करने, रथ के पहियों को छूने और भगवान से अपनी मनोकामना कहने के लिए भक्तों का रेला उमड़ पड़ा। इसके साथ ही काशी का पहला तीन दिवसीय लक्खा मेला रथयात्रा भी शुरू हो गया। भगवान ने 16 घंटे तक भक्तों को दर्शन दिए।
आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर शुक्रवार को रथयात्रा मेला शुरू हो गया। सुबह पांच बजे जगन्नाथ मंदिर के पुजारी राधेश्याम पांडेय ने भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र को पीला परिधान धारण कराया। फूल मालाओं से शृंगार कर विधि विधान से वेद मंत्रों के बीच आरती की। इसके बाद अष्टकोणीय रथ रूपी मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। सुबह से दर्शन-पूजन करने वालों की भीड़ रथयात्रा मेले में उमड़ पड़ी। मंगला आरती में पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह सपरिवार उपस्थित हुए और पूजन-अर्चन किया।