महानिर्वाणी अखाड़े में देव गिरी महाराज जी का धुना महाशिवरात्रि से निरंतर जागृत है। इसमें नित्य प्रतिदिन जन कल्याण हेतु सभी की मनोकामना पूर्ण हेतु अनुष्ठान किया जाता है। सभी साधु संत मंत्रोच्चारण द्वारा अनुष्ठान करते हैं। आपने बहुत से अनुष्ठान देखे होंगे। किंतु जो मंत्र और जो उच्चारण देव गिरि महाराज जी के मुख मंडल से सुनाई देता है। मैं अपने आप में भक्ति आनंद की अनुभूतियों से परिपूर्ण होता है। इस अनुष्ठान में महाराज जी द्वारा स्वयं से हवन सामग्री फल फूल मिठाई इत्यादि का इंतजाम किया जाता है। किसी से कोई दक्षिणा यह कोई खर्च नहीं लिया जाता है। यह अनुष्ठान शिवरात्रि से शुरू हुआ जो 15 अप्रैल तक नित्य प्रतिदिन चलेगा। धुना निरंतर जागृत अवस्था में है इसकी अग्नि कभी शांत नहीं होती। और यदि आप गौर से देखें जब यज्ञ में अग्नि प्रचलित होती है। उसमें विभिन्न देवी-देवताओं की आकृति साफ नजर आती है। ऐसी अनुभूति होती है। सभी देवी देवताओं उपस्थिति दर्ज कराने आते हैं । आप भी इस यज्ञ में शामिल होकर । अपनी मनोकामना पूर्ण करा सकते हैं। और यह में हम विश्वास से कह सकते हैं आपने पहले कभी ऐसा यदि देखा नहीं होगा ना ऐसी अनुभूति आपने महसूस की होगी। जहां सभी साधु संत अपने आप में मगन हैं। देव गिरी महाराज नित्य प्रतिदिन जन कल्याण हेतु अनुष्ठान करते हैं और मां की भक्ति से परिपूर्ण आशीर्वाद की प्राप्ति कराते हैं।