ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में मातृ दिवस के उपलक्ष्य में गंगा आरती भारत माता और धरती माता को समर्पित की गई। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि मां है, तो हम हैं। मां केवल जीवन देने वाली नहीं होती, वह जीवन को अर्थ देने वाली, दिशा देने वाली और जीवन को भावनाओं से भरने वाली होती है। मां की ममता की शक्ति अद्भुत है। वेदों से लेकर आधुनिक विचारधाराओं तक मातृत्व को देवत्व का दर्जा दिया गया है।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि हमारे जीवन में तीन माताओं का विशेष महत्व है। मां जो हमें जन्म देती है। भारत माता जो हमें संस्कार, संस्कृति और पहचान देती है और धरती माता जो हमें अन्न, जल, वायु और जीवन देती है। इन तीनों माताओं को समर्पित है मातृ दिवस। आज की तेज रफ्तार भरी दुनिया में हम कभी-कभी यह भूल जाते हैं कि हमारे जीवन की जड़ें कहां हैं। मोबाइल की स्क्रीन पर मां की मुस्कान नहीं दिखती, लेकिन वही मुस्कान हमारे जीवन की पहली प्रेरणा होती है। मां के आंचल में वह सुकून है जो संसार में कही भी नहीं मिलता। यदि आज के युवाओं को मां की सेवा और धरती माता का संरक्षण करना आ जाए, तो दुनिया की अधिकतर समस्याएं स्वयं हल हो जाएंगी।