संकट मोचन मंदिर में 35 साल बाद विभास राग गूंजा। संगीत समारोह में कश्मीरी पंडित परिवार के कलाकार ने संतूर पर प्रस्तुति दी। 

Sankat Mochan Music Festival Kashmiri Pandit family artist performed on Santoor in varanasi

करीब 35 वर्ष बाद श्रोताओं को संकट मोचन मंदिर में राग विभास सुनने को मिला। छठीं प्रस्तुति लेकर मंच पर आए पं. अभय रुस्तम सोपोरी ने संतूर पर राग विभास की धुन हनुमान जी को समर्पित की। मंच पर कहा कि शायद 30-35 साल से यहां कभी विभास राग नहीं बजा। अब नहीं बजा तो आज ही सही। राग विभास भोर में गाई जाती है। आलाप जोड़ के साथ गंभीर स्वर, गतकारी में लयकारियां और पिता पंडित भजन सोपोरी की तरह सोपोरी बाज शैली कर रंग प्रस्तुत किया। विख्यात तबला वादक पं. संजू सहाय और एक विदेशी संगीत प्रेमी ने बेहतरीन जुगलबंदी की।

तीसरी निशा की तीसरी प्रस्तुति खत्म होते ही श्रोता राजेश कुमार ने माहनवीणा वादक पं. विश्व मोहन भट्ट को उनकी रिप्लिका भेंट की। पत्थर की बनी मूर्ति बेबीलोनिया की किसी प्राचीन प्रतिमा की तरह से लग रही थी। इसे पाकर विश्व मोहन भट्ट ने मूर्ति बनाने वाले को हाथ जोड़कर प्रणाम किया।

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