मथुरा। श्रीजी के गांव बरसाना से जुड़ी पहाड़ियों का पुराने स्वरूप लौटाने का कवायद चल रही है। राज्य सरकार ने रांकोली पहाड़ी प्रोजेक्ट को स्वीकृति दे दी है। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद जल्दी इस पर कार्य शुरू कराएगा।

मथुरा-वृंदावन और गोवर्धन के बाद अब बरसाना में लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ोतरी हो रही है। इसी के तहत उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने बरसाना के आसपास राजस्थान की सीमा स्थित पहाड़ियों को हराभरा करने की योजना बनाई है। इसकी शुरुआत रांकोली की पहाड़ी से होगी। विभाग 98 हेक्टेयर में फैली इस पहाड़ी की तार फेंसिंग कराएगा। इसके बाद ईको रेस्टोरेशन का कार्य होगा। इसमें प्लांटेशन, कल्चरल ऑपरेशन, वाटर हार्वेस्टिंग समेत अन्य को शामिल किया है।

रांकोली के बाद पर्वतीय शृंखला में शामिल सखी गिरी पर्वत और ढवाला पहाड़ी को भी खूबसूरती प्रदान की जाएगी। वर्तमान में यह पहाड़ी क्षेत्र हरियाली विहीन हो गया है। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 2.11 करोड़ के इस प्रोजेक्ट के लिए 1.30 करोड़ अवमुक्त किए हैं। पहाड़ियों को प्राचीन स्वरूप देने के लिए एक संस्था का सहयोग लिया जाएगा।

36 वन लेंगे प्राचीन स्वरूप
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद जिले में धार्मिक महत्व से जुड़े 36 वन स्थलों को प्राचीन स्वरूप देने की योजना बना रही है। इसमें कीकड़, बबूल को हटाकर कृष्ण कालीन पौधे लगाए जाएंगे। विभाग ने कीकड़ व बबूल के पेड़ हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति ले ली है।

श्रद्धालुओं के ठहरने के होंगे पर्याप्त इंतजाम
सरकार की मंशानुसार ब्रज में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहद कम दर पर ठहरने की बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा वृंदावन, बरसाना, नंदगांव, गोकुल आदि तीर्थ स्थलों पर टीएफसी (पर्यटक सुविधा केंद्र) का निर्माण कराया जाएगा।

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