रामनवमी के मौके पर बीते वर्ष रामलला का सूर्य तिलक हुआ था। ट्रस्ट ने फैसला लिया है कि आने वाले बीस सालों तक लगातार सूर्य तिलक होता रहेगा। 

Ayodhya: Surya Tilak of Ramlala will continue on Ramnavami for twenty consecutive years, live telecast will be

प्राण प्रतिष्ठा के बाद हुई राम नवमी पर रामलला का सूर्य तिलक किया गया था। इस बार भी यह आयोजन होना है। ट्रस्ट ने फैसला लिया है कि आने वाले बीस सालों तक लगातार रामलला का सूर्य तिलक रामनवमी पर होता रहेगा। 

मंगलवार को हुई भवन निर्माण समिति की बैठक में रामलला के सूर्य तिलक को लेकर चर्चा हुई है। नृपेंद्र ने बताया कि रामनवमी पर भगवान सूर्य रामलला का सूर्य तिलक करेंगे। अगले 20 वर्षों तक रामलला का सूर्य तिलक रामनवमी पर हो सके, इसकी स्थायी व्यवस्था अबकी बार कर ली जाएगी। सूर्य तिलक का कार्यक्रम देश और विदेश में लाइव प्रसारित किया जाएगा। सूर्य तिलक का प्रस्तुतीकरण भी बैठक में इंजीनियरों ने दिया है।

जारी किए जाएंगे पास 
राम मंदिर भवन निर्माण समिति की बैठक में मंगलवार को निर्माण कार्यों की समीक्षा हुई। समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि पहले तल पर राम दरबार की स्थापना होनी है। मई के शुरुआती 15 दिन के अंदर शुभ मुहूर्त में राम दरबार स्थापित हो जाएगा। राम दरबार के दर्शन के लिए पास की व्यवस्था होगी। एक घंटे में 50 लोगों को राम दरबार में दर्शन का पास जारी किया जाएगा। लगभग 800 लोग राम दरबार का प्रतिदिन दर्शन कर सकेंगे।

उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय में 20 गैलरी का निर्माण शुरू हो गया है। भगवान के प्रसंग पर होने वाले प्रसारण में गैलरी की स्क्रिप्ट पर समीक्षा हुई है। रामकथा व हनुमान कथा के दर्शन श्रद्धालुओं को होंगे। इसके अलावा मंदिर निर्माण के लिए चले 500 सालों के संघर्ष का इतिहास भी श्रद्धालु जान सकेंगे। राम मंदिर में चल रहे निर्माण से जुड़े सभी काम दिसंबर 2025 तक पूरे हो जाएंगे। राम जन्मभूमि परिसर में बन रहे ऑडिटोरियम का काम 2025 के बाद पूरा होगा।

राम मंदिर के चारों द्वारों को आंदोलन से जुड़े महापुरुषों का मिलेगा नाम
नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि राम मंदिर के चारों द्वार का काम शुरु हो गया है। रामनवमी के मौके पर चंपत राय द्वार के नाम की घोषणा कर सकते हैं। राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महापुरुषों के नाम पर राम मंदिर के चारों द्वार का नाम होगा। अप्रैल के अंत में कैनोपी बनाई जा सकेगी। आवश्यकता पड़ने पर रामनवमी के समय कैनोपी और मैट की अस्थायी तौर पर राम मंदिर ट्रस्ट व्यवस्था करेगा ताकि श्रद्धालुओं को थोड़ी राहत मिल सके।

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