काशी से साधु-संन्यासियों का आगमन अपने-अपने गंतव्य की ओर होने लगा है। उनसे आशीर्वाद लेने वाले भक्त भी जुट रहे हैं। इस बार कई महामंडलेश्वर, थानापति और मंत्री की भी पुकार हुई।

श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के संतों ने 40 दिनों के काशी प्रवास के बाद प्रस्थान शुरू कर दिया। भंडारे के बाद नागा साधु और संन्यासी अपने-अपने गंतव्य की ओर लौटने लगे हैं। अखाड़े के मुख्य संरक्षक से अनुमति और भंडारे के बाद संतों की वापसी शुरू हुई। हनुमान घाट स्थित मठ में भंडारे में साधु-संतों ने प्रसाद ग्रहण किया।
हनुमान घाट स्थित अखाड़े में भंडारे का आयोजन ब्रह्मलीन सभापति श्रीमहंत सोहन गिरि महाराज और ब्रह्मलीन श्रीमहंत नागा बाबा हीरामान हरिशंकर गिरि महाराज की स्मृति में किया गया। जूना अखाड़े के संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद महामंत्री हरि गिरि जी महाराज, जूना अखाड़े के वरिष्ठ अध्यक्ष प्रेम गिरि महाराज, अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता नारायण गिरि महाराज और महामंडलेश्वर करणपुरी महाराज ने भंडारे में शामिल सभी संतों को दक्षिणा दी।
जूना अखाड़े के समस्त गुरु मूर्ति ने धर्म प्रचार, संतों के आपसी विवाद को समझौते के साथ सुलझाने और सनातन धर्म के प्रचार के लिए गठित जूना अखाड़े की नई कैबिनेट के पदाधिकारी अपने-अपने कार्य क्षेत्र में कार्य करेंगे। इस बार कई महामंडलेश्वर, थानापति और मंत्री की भी पुकार हुई। इसके साथ ही जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता नारायण गिरि महाराज ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साधुवाद व आशीर्वाद दिया।
थानापति डॉ. शिवानंद पुरी ने बताया कि जूना अखाड़े के नए पदाधिकारियों के हस्ताक्षर के साथ प्रमाणपत्र तैयार किए जा रहे हैं। प्रमाणपत्रों का वितरण 19 मार्च तक कर दिया जाएगा। आयोजन में अखाड़े के थानापति स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती, स्वामी रवि गिरि महाराज, हरियाणा के स्वामी कपिल पुरी महाराज, स्वामी दीपेश्वरी गिरि महाराज, स्वामी नारायण गिरि महाराज, स्वामी आदित्य गिरि महाराज, स्वामी दीपक गिरि महाराज, नागा बाबा उमाकांत गिरि महाराज शामिल हुए।