वाराणसी एशिया का इकलौता शहर होगा, जहां भीड़ प्रबंधन पर काम होगा। टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन की ओर से दुनिया के तीन शहरों को चुना गया है।

पैदल चलने वालों के लिए सुगम व्यवस्था बनाने के लिए दुनिया के तीन शहरों को चुना गया है। इसमें वाराणसी एशिया का इकलौका शहर है जहां भीड़ प्रबंधन पर काम होगा। टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन की ओर से विश्व स्तर पर ऐसे तीन शहरों को चुना गया है, जहां पर्यटकों का दबाव सबसे ज्यादा रहता है। इनमें वाराणसी के अलावा इटली का वेनिस और अमेरिका का डेट्रॉयट शहर है।
काशी में रोजाना एक से डेढ़ लाख पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं। प्रमुख दिवस और पर्व-त्योहार पर ये संख्या 6 से सात लाख के करीब पहुंच जाती है। काशी गलियों का शहर है, इस लिहाज से भी यहां भीड़ प्रबंधन पर काम करने की जरूरत है। इसे देखते हुए ही यहां भीड़ प्रबंधन पर काम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की दस कंपनियों का चयन किया गया है। ये कंपनियां यहां रिसर्च कर पैदल चलने वालों के लिए सुगम व्यवस्था बनाएंगी।
इस पर संस्थान तीन मिलियन डॉलर खर्च करेगी। भारत के सबसे प्राचीन शहर वाराणसी में रोजाना आने वाले लाखों श्रद्धालुओं व पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय निवासियों, बुजुर्गों, महिलाओं और दिव्यागंजनों की सुविधा के लिए यह भीड़ प्रबंधन तकनीक काफी उपयोगी सिद्ध होगा।
इनका हुआ चयन
सिटीडेटा इंक, फैक्टल एनालीटिक्स लिमिटेड, ग्रेमैटिक्स, आर्केडिश, इंटपिक्सेल लैब्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रमेय कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड, स्मार्टविज लिमिटेड, स्टीवर डेविस एंड ग्लीव लिमिटेड. द अर्वनाइजर और टियामी नेटवक्र्स है।