महाशिवरात्रि पर इस बार ग्रहों के मिलन से सुख-समृद्धि और सफलता का महायोग बन रहा है। धनिष्ठा नक्षत्र और परिघ योग में महाशिवरात्रि की आराधना हर तरह की कामनाओं को पूरी करने वाली होगी। मकर राशि पर शीतलता के प्रतीक चंद्रमा के विराजमान होने से भय और चिंता हरण के भी योग बनेंगे। 

ऐसे में शिवरात्रि पर संगम में पुण्य की आखिरी डुबकी विशेष फलदायी होगी। पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 26 फरवरी की सुबह 11:08 बजे होगी। यह तिथि 27 फरवरी की सुबह 8:54 बजे तक रहेगी।

महाशिवरात्रि इस बार धनिष्ठा नक्षत्र और परिघ योग में’
चार प्रहर की आराधना से धन, यश, प्रतिष्ठा और समृद्धि की प्राप्ति के योग हैं। जिनके जीवन में संतान संबंधी बाधा हो, उन्हें भी यह शिव आराधना अवश्य करनी चाहिए। वह बताते हैं कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की महाशिवरात्रि इस बार धनिष्ठा नक्षत्र और परिघ योग में आ रही है। शकुनी करण के साथ मकर राशि पर चंद्रमा गोचर करते रहेंगे है। इस दिन चार प्रहर की आराधना से शिव की विशेष कृपा प्राप्त होगी।

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