यह पहला मौका होगा जब विदेशी धरती पर श्रीकृष्णजन्मभूमि मुक्ति आंदोलन का शंखनाद होगा। 

Mahakumbh: International movement for the liberation of Shri Krishna's birthplace will start from Melbourne.

त्रिवेणी के तट से आरंभ हुए श्रीकृष्णजन्मभूमि मुक्ति का आंदोलन की गूंज अब सात समंदर पार तक पहुंच गई है। यह पहला मौका होगा जब विदेशी धरती पर श्रीकृष्णजन्मभूमि मुक्ति आंदोलन का शंखनाद होगा।  विश्व भर के अप्रवासी भारतीयों को इस आंदोलन से जोड़ने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। मार्च के अंतिम सप्ताह में होने वाले ऑस्ट्रेलिया में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के लिए महासंवाद की रूपरेखा तैयार हो चुकी है। इसकी शुरुआत हस्ताक्षर अभियान से हो गई है। 

रामलला की चौखट पर महासंवाद की शुरुआत होने के बाद इससे सात समंदर पार बसे भारतीयों को भी जोड़ा जाएगा। ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में हस्ताक्षर अभियान चलाकर श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन की अलख जगाई जा रही है। श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मेलबर्न में 28 से 30 मार्च तक श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति के लिए महासंवाद होगा। इसमें छह हजार से अधिक अप्रवासी भारतीय शामिल होंगे। महासंवाद में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया जाएगा। यज्ञ के साथ ही महासंवाद के जरिए विश्व भर के सनातनी हिंदू और अप्रवासी भारतीयों को जागरूक किया जाएगा। 

जन्मभूमि मुक्ति आंदोेलन के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माहौल बनाने की तैयारी है। महासंवाद में मेलबर्न की हिंदू समितियां, अप्रवासी भारतीय और साधु-संत भी शामिल होंगे। इसके पहले 14 मार्च के बाद आंदोलन का श्रीगणेश रामलला की जन्मस्थली अयोध्या से होगा। इसके बाद वैश्विक स्तर पर भगवान कृष्ण के भक्तों को एकजुट किया जाएगा। मेलबर्न के बाद दक्षिण अफ्रीका, केन्या, माॅरीशस, मलयेशिया और यूएसए में महांसवाद, हस्ताक्षर अभियान और जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

विश्व भर के शिक्षाविद, संत और विशेषज्ञों की तैयार होगी 51 सदस्यीय समिति : श्रीकृष्ण जन्मभूमि आंदोलन को धार देने के लिए विश्वभर के विधि विशेषज्ञ, संत और विचारकों की 51 सदस्यीय समिति तैयार की जा रही है। अयोध्या में विशेषज्ञों की टीम की रूपरेखा भी रखी जाएगी। समिति में साधु-संत, सेवानिवृत्त जज, शिक्षाविद, रिटायर्ड अधिकारी, वास्तुशास्त्री, आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के सदस्य भी रहेंगे। 

हो चुके हैं साढ़े तीन करोड़ से अधिक हस्ताक्षर
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति के लिए अब तक साढ़े तीन करोड़ से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर अभियान में हिस्सा लिया है। भारत के साथ ही मेलबर्न में भी हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। हिंदू संगठनों के साथ ही अप्रवासी भारतीय भी इससे जुड़ रहे हैं। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhand