राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी रहे आचार्य सत्येंद्र दास को सरयू नदी के तुलसीदास घाट पर जल समाधि दी गई।

Acharya Satyendra Das Last Journey Final Rites at Saryu River After Ram Janmabhoomi Darshan

रामलला के मुख्य अर्चक रहे आचार्य सत्येंद्र दास की अंतिम यात्रा बृहस्पतिवार को अयोध्या स्थित उनके आवास से निकली और रामलला और हनुमानगढ़ी के दर्शन करते हुए सरयू नदी किनारे पहुंची। जहां तुलसीघाट पर उन्हें जलसमाधि दे दी गई।

अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में उनके भक्त उमड़ पड़े। बता दें कि बुधवार को आचार्य सत्येंद्र दास का लखनऊ के पीजीआई में निधन हो गया था जिसके बाद अंतिम दर्शन के लिए उनका शव उनके आवास पर रखा गया था। जहां उन्हें श्रद्घांजलि देने का सिलसिला देर रात तक जारी रहा।

34 साल तक रामलला की सेवा की

 आचार्य सत्येंद्र दास ढांचा विध्वंस से राम मंदिर निर्माण तक के साक्षी रहे हैं। रामलला की 34 साल सेवा की। आचार्य सत्येंद्र दास के साथ सहायक पुजारी के रूप में कार्य करने वाले प्रेमचंद्र त्रिपाठी बताते हैं कि बाबरी विध्वंस के समय रामलला समेत चारों भाइयों के विग्रह बचाने के लिए आचार्य उन्हें गोद में लेकर गए थे। 

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