काशी विश्वनाथ धाम में भक्तों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है। बृहस्पतिवार को 10 लाख भक्तों ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई।इस दौरान भीड़ बढ़ने पर श्रद्धालु गोदौलिया पर बांस-बल्ली के ऊपर चढ़कर निकले।

काशी विश्वनाथ मंदिर में बृहस्पतिवार को महाकुंभ के पलट प्रवाह का असर कुछ ऐसा रहा कि पहली बार श्रद्धालुओं की पांच किलोमीटर लंबी लाइन लग गई। देर रात तक 10 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन कर दिए। सड़कों पर 5-5 किलोमीटर लंबी डबल लाइनें लगातार 20 घंटे तक लगी रहीं। गोदौलिया पर लाइनों में खड़े श्रद्धालु भीड़ से परेशान होकर बांस-बल्ली के ऊपर चढ़कर बाहर निकल गए।
उधर, महाकुंभ से लौटे अलग-अलग राज्यों के हजारों संतों ने हर-हर महादेव के जयघोष के साथ बाबा विश्वनाथ के झांकी दर्शन किए और कहा कि उन्हें बहुत सुकून मिला और पवित्रता का अनुभव हुआ। ये देश का बहुत बड़ा वंदनीय स्थान है।
चारों प्रहर की आरती के दौरान कॉरिडोर कतारबद्ध श्रद्धालुओं के जयघोष से गूंजता रहा।दूसरी ओर 6 से 7 घंटे तक लाइन में लगे रहने के बाद श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के गेट नंबर 4 से मंदिर में कड़ी सुरक्षा के बीच प्रवेश कर रहे थे। झांकी दर्शन के दौरान सेवादार भक्तों की लाइन को तेजी से आगे बढ़ा रहे थे। हाथ से धक्का मारकर आगे करते रहे।
बाबा विश्वनाथ के श्रद्धालुओं की सबसे बड़ी लाइन मैदागिन और गोदौलिया की ओर रही। पहली बार ऐसा देखा गया कि श्रद्धालुओं की लाइन मैदागिन से आगे चलकर कोतवाली पहुंची। वहां से घूमकर मालवीय मार्केट पर चार जिग-जैग से होते हुए अग्रसेन कन्या इंटर कॉलेज तक और वहां से विश्वनाथ मंदिर तक डबल लाइन लगी रही। वहीं, दूसरी लाइन गंगा द्वार और बांसफाटक की भी लाइन दशाश्वमेध घाट तक लगी रही। इस दौरान तेज धूप से भक्तों की हालत खराब हो गई। कई भक्त तो लाइन को छोड़कर हट गए। वहीं कुछ मंदिर दरबार के सामने पहुंचकर हिम्मत छोड़ दिए और वापस होटल चल दिए।