अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने पहली बार विश्व गुरु की उपाधि से सम्मानित किया। 

Mahakumbh: The title of Vishva Guru given to Swami Srila Prabhupada

इस्कॉन और हरे कृष्णा आंदोलन के संस्थापक श्रीकृष्ण कृपामूर्ति एसी भक्तिवेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद को विश्वगुरु की उपाधि दी गई। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने पहली बार विश्व गुरु की उपाधि से सम्मानित किया। 

विश्व गुरु पट्टाभिषेक का कार्यक्रम निरंजनी अखाड़ा परिसर में नित्यानंद त्रयोदशी पर हुआ। यह उपाधि श्रील प्रभुपाद को दुनिया भर में अनुयायियों को सनातन धर्म से जोड़ने एवं इस्कॉन के प्रति देश-विदेश में उमड़ी श्रद्धा को देखते हुए दी गई।

निरंजनी पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी, आवाहन अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर अवधूत अरुण गिरि, अखाड़ों के महामंडलेश्वर और भक्तों की उपस्थिति में पट्टाभिषेक हुआ। हरे कृष्ण मूवमेंट और इस्कॉन बंगलूरू के अध्यक्ष मधु पंडित दास और वृंदावन चंद्रोदय मंदिर के अध्यक्ष चंचलापति दास के सानिध्य में यह सम्मान प्रदान किया गया। 

निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ने कहा कि यह उपाधि 1968 के कुछ दिनों बाद ही उन्हें मिल जानी चाहिए थी, लेकिन आज इस त्रिवेणी के पावन तट पर हम सभी को यह शुभ कार्य करने का श्रेय मिलना था।  अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा कि श्रील प्रभुपाद महाराज के लिए यह विश्व गुरु की यह पदवी, सूर्य को दीया दिखाने के बराबर है। आवाहन पीठाधीश्वर अरुण गिरि ने कहा कि लोग मुझे अवधूत कहते हैं लेकिन मैं स्वामी श्रील प्रभुपाद महाराज जी को अद्भुत कहता हूं। इस पावन अवसर पर स्वामी प्रभुपाद के अनुयायी दो-दो पौधे लगाने का संकल्प लें, तभी राधा रानी की प्राप्ति होगी। धन्यवाद प्रस्ताव भरतर्षभ दास ने किया। 

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