महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ कम नहीं हो रही है। शुक्रवार को स्नानार्थियों की संख्या 40 करोड़ के पार पहुंच गई। वसंत पंचमी के बाद एकाएक भीड़ और बढ़ गई है। मेले में वाहनों का प्रवेश भी रोक दिया गया है।

मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतों, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों का स्नान अब एक नए शिखर पर पहुंच गया है। इसी क्रम में शुक्रवार तक स्नान करने वालों की संख्या 40 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। अभी महाकुंभ 19 दिन शेष है और पूरी उम्मीद है कि स्नान करने वालों की संख्या 50 करोड़ के पार जा सकती है।
प्रयागराज में तीनों अमृत स्नान (मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी) के बाद भी श्रद्धालुओं के जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही है। पूरे देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से पवित्र त्रिवेणी में श्रद्धा और आस्था के साथ डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करने के लिए श्रद्धालु प्रतिदिन लाखों की संख्या में प्रयागराज पहुंच रहे हैं। बसंत पंचमी के अंतिम अमृत स्नान पर्व के बाद भी करोड़ों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान को पहुंच रहे हैं। इसमें 10 लाख कल्पवासियों के साथ-साथ देश-विदेश से आए श्रद्धालु एवं साधु-संत शामिल रहे।
अब तक स्नान करने वालों पर विश्लेषण करें तो सर्वाधिक 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था, जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान किया था। एक फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ के पार और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य डुबकी लगाई, इसके अलावा बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई थी।
हर कोई मांग रहा टेंट सिटी और मोटरवोट
महाकुंभ मेले में देश के कोने – कोने से वीआईपी आ रहें हैं। सभी अपना प्रोग्राम भेजने के बाद टेंट सिटी में कमरा और मोटर वोट की डिमांड कर रहें हैं। मेला प्रशासन ने पहले 150 कमरे का इंतजाम किया था, लेकिन आने वालों की संख्या को देखते हुए 60 कमरे की संख्या और बढ़ाई गई हैं। जो भी वीआईपी आ रहे हैं उनके साथ 15 से 20 की संख्या रह रही है। सभी को दस से अधिक कमरे की जरूरत पड़ रहीं है। ऐसे में मेला प्रशासन की परेशानी पड़ गई हैं।