शंकराचार्य विधुशेखर भारती ने काशी में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए। उनके साथ भक्तों ने भी मठ-मंदिरों में विशेष दर्शन-पूजन किए। इस दाैरान वेदों और पुराणों का भी पाठ हुआ।

Religious activities in varanasi Shankaracharya pledge install statue of Mother Annapurna

शृंगेरी शारदा पीठ के शंकराचार्य विधुशेखर भारती ने मां अन्नपूर्णा मंदिर के कुंभाभिषेक के तीसरे दिन सोमवार को भी विभिन्न अनुष्ठान में शामिल हुए। मां अन्नपूर्णा देवी की प्रतिमा के पुन: प्रतिष्ठा का संकल्प लिया। विश्वनाथ काॅरिडोर स्थित शंकराचार्य प्रतिमा के समक्ष शंकराचार्य रचित पदों का पाठ किया।

शंकराचार्य ने भगवान ढुंढीराज गणेश जी के दर्शन किए। इसके बाद अन्नपूर्णा मंदिर द्वार पर महंत शंकरपुरी ने शंकराचार्य का कुंभ समर्पित कर स्वागत किया। उन्होंने मां अन्नपूर्णा का पूजन कर आरती की। सात राज्यों से आए वैदिक विद्वानों की उपस्थिति में अन्नपूर्णा देवी की प्रतिमा के पुनः प्रतिष्ठा का संकल्प लिया। 

फिर गणेश पूजन स्वस्ति पुण्याहवाचन, आचार्य ब्रह्मादि ऋत्विगवरण, दशमहाविद्या, श्रीविद्या, नवार्ण मंत्रों का जाप किया। मंडप में वास्तुपीठ योगिनी पीठ, नवग्रह पीठ, क्षेत्रपाल पीठ, सर्वतोभद्र मंडल पीठ पर देवताओं का आह्वान किया गया।

प्रो. पतंजलि मिश्र के संयोजन में चतुर्वेद पारायण शुरू हुआ। प्रो. माधव जनार्दन रटाटे के संयोजन में 18 पुराणों का पारायण हुआ। संचालन प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने किया। अनुष्ठान में शृंगेरी के तगीराल सीताराम शर्मा, तंगीराल शिवकुमार शर्मा, सुब्रमण्यम्, शृंगेरी मठ के प्रबंधक चल्ला अन्नपूर्णा प्रसाद, चल्ला जगन्नाथ, चल्ला अभिनव, चल्ला विद्याशंकर, केवी रमन आदि रहे।

मां विशालाक्षी के भी दर्शन किए

Religious activities in varanasi Shankaracharya pledge install statue of Mother Annapurna

शंकराचार्य ने मां विशालाक्षी देवी मंदिर में दर्शन-पूजन किया। शंकराचार्य मंदिर पहुंचे तो उस वक्त माता का अभिषेक चल रहा था। उन्होंने गर्भगृह में जाकर माता का विधिवत अभिषेक किया। माता की आरती उतारी। मंदिर के महंत सुरेश कुमार तिवारी और पं. राजनाथ तिवारी ने शंकराचार्य को अंगवस्त्रम् देकर आशीर्वाद प्राप्त किया। अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकरपुरी भी मौजूद रहे।

शंकराचार्य ने किया नए पंच विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा
शंकराचार्य नाव से केदारघाट स्थित प्राचीन शृंगेरी शंकर मठ पहुंचे। मठ के पास हनुमान मंदिर में दर्शन किया। गर्भगृह में नए पंच विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा हुई। भगवान श्रीचंद्रमौलिश्वर मंदिर के शिखर का कुंभाभिषेक किया। संतों ने भिक्षा वंदना की और शंकराचार्य का आशीर्वाद लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhand