माघ कृष्ण अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। मौनी शब्द मुनि शब्द से बना है। इस दिन मौन होकर स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं।

Mauni Amavasya 2025 special and rare yog Today after 50 years Huge Crowd at Haridwar Har ki Pauri For Ganga Sn

आज मौनी अमावस्या का पावन स्नान है। यह अमावस्या इस बार त्रिवेणी योग में पड़ी है। 50 वर्षों के बाद त्रिवेणी के साथ, चार अन्य शुभ योग में मौनी अमावस्या का स्नान हो रहा है। इस दिन पवित्र नदी में मौन होकर स्नान और दानपुण्य करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। मौनी अमावस्या पर हरिद्वार के हर की पैड़ी घाट समेत विभिन्न घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। सुबह चार बजे से ही श्रद्धालु जयकारे लगाते हुए घाटों की तरफ पहुंचे। स्नान दान के बाद उन्होंने भक्तिमय वातावरण में दिन की शुरुआत की। 

मंदिर शिवालय और शक्तिपीठों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई । प्रयागराज महाकुंभ होने के बावजूद कई राज्यों से श्रद्धालु स्नान के लिए हरिद्वार में पहुंचे।

मकर राशि में सूर्य के साथ चंद्रमा और बुध का संचार करने से त्रिवेणी योग का निर्माण हो रहा है जो अत्यंत दुर्लभ है। इस योग में गंगा स्नान करने से त्रिवेणी यानी संगम स्नान करने का पुण्य फल प्राप्त होता है। मौनी अमावस्या का दिन भगवान विष्णु और पितरों को समर्पित है। इस दिन स्नान आदि करके भगवान विष्णु तथा सूर्य देव की पूजा करने का विधान है।

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