महाकुंभ में महिला संतों के लिए अलग अमृत स्नान की लड़ाई अब इलाहाबाद हाईकोर्ट तक पहुंच गई है। परी अखाड़े की ओर से दायर याचिका में सवाल उठाए गए हैं कि पुरुषों के लिए 13 अखाड़े हैं तो महिलाओं के लिए एक भी क्यों नहीं ?

Mahakumbh: The fight for women's nectar bath now comes to the court, petition filed by Pari Akhara

महाकुंभ में महिला संतों के लिए अलग अमृत स्नान की लड़ाई अब इलाहाबाद हाईकोर्ट तक पहुंच गई है। परी अखाड़े की ओर से दायर याचिका में सवाल उठाए गए हैं कि पुरुषों के लिए 13 अखाड़े हैं तो महिलाओं के लिए एक भी क्यों नहीं ? इससे पहले हाईकोर्ट के निर्देश पर ही पहली बार प्रयागराज महाकुंभ में परी अखाड़े को भूमि आवंटित कर सुविधाएं दी गईं हैं, हालांकि हरिद्वार, नासिक और उज्जैन के कुंभ में उन्हें सरकारी सुविधाएं मिलीं थीं, लेकिन अमृत स्नान की अनुमति नहीं मिल सकी थी।

महिला संत त्रिकाल भवंता ने 2013 के कुंभ में महिलाओं के लिए अलग अखाड़े की स्थापना की थी। इसके बाद से महिलाओं के लिए अलग से अमृत स्नान की व्यवस्था कराने की मांग उठ रही है, लेकिन 13 मान्यता प्राप्त अखाड़ों के विरोध से अभी तक परी अखाड़े को इसमें सफलता नहीं मिल सकी है। अब प्रयागराज महाकुंभ में एकबार फिर परी अखाड़ा इस मुद्दे को लेकर मुखर है। इस संबंध में हाल ही में परी अखाड़े से जुड़ीं महिला संतों ने निरंजनी अखाड़े के प्रमुख और आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि और जूना अखाड़े के मुख्य संरक्षक एवं अखाड़ा परिषद के महामंत्री स्वामी हरि गिरि से भी वार्ता की, लेकिन बात नहीं बनी।

यही नहीं परी अखाड़े से जुड़ीं महिला संतों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी गुहार लगाई, लेकिन वहां से भी सिर्फ आश्वासन ही हाथ लगा। ऐसे में प्रयागराज महाकुंभ से पहले परी अखाड़े ने एकबार फिर अदालत की शरण ली है और इलाहाबाद हाईकोर्ट में दो जनवरी को याचिका दायर कर महिलाओं के लिए अलग से शाही स्नान की व्यवस्था के संबंध में गुहार लगाई है। हाईकोर्ट का फैसला जो भी, लेकिन परी अखाड़े की मांग ने संत जगत में अब हलचल पैदा कर दी है।

महिला संतों के लिए अलग अमृत स्नान का मुद्दा अस्तित्व की लड़ाई : जागृति चेतना गिरि

परी अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर जागृति चेतना गिरि का कहना है कि महिला संतों के लिए अलग अमृत स्नान का मुद्दा महिलाओं के अस्तित्व की लड़ाई है। इसके लिए हर स्तर पर आवाज उठाई जा रही है। कई बड़े संतों ने इस प्रस्ताव को अखाड़ा परिषद के समक्ष रखने और समर्थन का भरोसा दिलाया है। न्यायालय से भी जल्द सुनवाई की गुहार लगाई जाएगी, ताकि प्रयागराज महाकुंभ में महिला संतों को अमृत स्नान का अवसर मिल सके।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष बोले- नए अखाड़े को नहीं मिल सकती मान्यता

महिलाओं के लिए अलग से अमृत स्नान की व्यवस्था कराने की मांग पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी का कहना है कि 13 अखाड़े हीं मान्यता प्राप्त हैं। सभी अखाड़ों में महिला संतों का सम्मान है। हर अखाड़े में बड़ी संख्या में महिला संत और महामंडलेश्वर भी शामिल हैं। किसी नए अखाड़े को परिषद की ओर से मान्यता नहीं दी जा सकती है।

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