गणतंत्र का पर्व.. जय संविधान.. जय हिंदुस्तान.. के गगन भेदी उद्घोष के साथ धर्म नगरी काशी में गणतंत्र दिवस पर रविवार को राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा पूरी आन-बान-शान के साथ गंगा किनारे भी लहराया। 

Republic Day Jai Constitution Jai Hindustan indian flag hoisted Ghats of Kashi Students saluted

भारतीय विरासत के गर्व 76वें गणतंत्र के बेमिसाल सफर के अवसर पर सिंधिया घाट पर जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा’, ‘मर्यादा है इस देश की पहचान है गंगा’ आदि गीतों की गूंज रही। वहीं, भारत माता की जय, जय हिंद , वंदे मातरम व आजादी के तराने गूंजे। 

भारत की आन, बान और शान गंगा के निर्मलीकरण का आवाह्न करते हुए नमामि गंगे और महर्षि योगी वेद विज्ञान अध्ययन पीठ के वेदपाठी बटुकों ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लेकर मां गंगा की आरती उतारी। राष्ट्रगान के पश्चात नागरिकों के साथ भारतवर्ष को विकसित भारत की ओर ले जाने का संकल्प लिया। इसके बाद मां भारती के जयकारों के बीच हाथों में तिरंगा लहराते बटुकों ने ‘भारत मेरी जान है, भारत मेरी शान है, भारत मेरा अभिमान है’ व ‘सबका साथ हो – गंगा साफ हो’, ‘हम सभी ने ठाना है गंगा को स्वच्छ बनाना है ‘ आदि नारे बुलंद किए। इस दौरान बलिदानियों के व्यक्तित्व और कृतित्व का स्मरण किया गया।

नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक व नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर राजेश शुक्ला ने कहा कि इन 75 वर्षों में सभी के सामूहिक प्रयासों की मदद से भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ा है। हमारे युवाओं ने नई सोच और नवाचारों के दम पर देश को आगे बढ़ाया है।

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