कड़ाके की ठंड के बीच संगम की रेती पर साधु-संतों की सियासत गरमाने लगी है। बुधवार को सनातन धर्म की रक्षा के लिए सनातन बोर्ड के प्रारूप पर मंथन शुरू हो गया। इस बोर्ड में देश के सभी मठ-मंदिरों की सुरक्षा का प्रस्ताव तय किया जा रहा है।

Mahakumbh: Sanatan Board of saints for the protection of monasteries and temples, heated politics on sand

कड़ाके की ठंड के बीच संगम की रेती पर साधु-संतों की सियासत गरमाने लगी है। बुधवार को सनातन धर्म की रक्षा के लिए सनातन बोर्ड के प्रारूप पर मंथन शुरू हो गया। इस बोर्ड में देश के सभी मठ-मंदिरों की सुरक्षा का प्रस्ताव तय किया जा रहा है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने बोर्ड के स्वरूप पर साधु-संतों के साथ प्रारूप पर चर्चा की। जूना अखाड़े के संरक्षक और अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि ने कहा कि अयोध्या की तर्ज पर सनातन बोर्ड हासिल करके ही साधु-संत दम लेंगे। इसी के साथ बोर्ड के गठन को लेकर तासीर बढ़ने लगी है। चिंतन बैठक में साधु-संतों ने सुझाव दिया कि अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के लिए राम जन्मभूमि आंदोलन जिस तरह अशोक सिंघल ने प्रारंभ किया था। उसी तरह इस मुहिम को भी जनांदोलन का रूप दिया जाना चाहिए। जन्मभूमि हासिल करने में काफी समय लगा था और 2024 में साधु-संतों की पहल पर ही सफलता मिल सकी। अब जैसे अयोध्या में राम जन्मभूमि पर रामलला का अद्वितीय मंदिर बनकर तैयार हुआ है,वैसे ही सनातन धर्म की रक्षा के लिए सनातन बोर्ड का गठन होना चाहिए। महाकुंभ में अब 27 जनवरी को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की ओर से धर्म संसद बुलाई गई है। इसमें साधु -संतों के बीच सनातन बोर्ड के गठन पर चर्चा की जाएगी। सभी अखाड़ों के संतों ने लिया हिस्सा आनंद अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि महाराज ने बताया कि इस धर्म संसद में सभी 13 अखाड़ों के संत, पीठाधीश्वर, महामंडलेश्वर शामिल होंगे। इस बात पर चर्चा होगी कि सनातन बोर्ड में क्या होना चाहिए और क्या नहीं होना चाहिए। फिलहाल मठ मंदिरों की सुरक्षा के लिए इसका गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा सनातन बोर्ड के लिए नियम- कानून संत महात्मा ही तय करें और इस बोर्ड में सभी 13 अखाड़ों के महापुरुष पदाधिकारी के रूप नामित किए जाने चाहिए। इस धर्म संसद में इस बात पर चर्चा होगी कि सनातन बोर्ड का बाइलाज कैसे बनाया जाए। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि 27 जनवरी को मेला क्षेत्र के काली सड़क पर स्थित निरंजनी अखाड़े के पंडाल में धर्म संसद होगी। इसमें देश विदेश से बड़े बड़े संत, विद्वान आएंगे। श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने बताया कि पहले यह धर्म संसद पहले 26 जनवरी को प्रस्तावित थी, लेकिन उस दिन गणतंत्र दिवस होने से इसकी तिथि बढ़ाकर 27 जनवरी करने का निर्णय लिया गया है।उधर, सेक्टर 16 स्थित देवकीनंदन ठाकुर के शिविर में आगामी 27 जनवरी को धर्म संसद बैठेगी। इसमें सनातन बोर्ड के गठन को लेकर प्रारूप तैयार किया जाएगा। इसके लिए संतों-महंतों के साथ बैठक होगी। साथ ही मठ-मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण समाप्त करने समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhand