14 जनवरी से यंत्र को लोगों के दर्शन और परिक्रमा के लिए खोला जाएगा। मैहर (मध्य प्रदेश) की सिद्ध महामृत्युंजय संस्थान की ओर से सेक्टर-22 संगम विहार स्थित शिविर में ज्योतिषाचार्य हरिकृष्ण शुक्ल शास्त्री की अगुवाई में यंत्र लगाया जा रहा है।

महाकुंभ मेले के सेक्टर-22 स्थित सिद्ध महामृत्युंजय संस्थान शिविर में 52 फीट ऊंचा महामृत्युंजय यंत्र श्रद्धालुओं की आस्था और आकर्षण का केंद्र बनेगा। करीब चार करोड़ की लागत से डेढ़ माह से यंत्र का निर्माण चल रहा है। दो दिन पहले हुए भूमि पूजन के बाद यंत्र की स्थापना की तैयारी को और धार मिल गई है। 14 जनवरी से यंत्र को लोगों के दर्शन और परिक्रमा के लिए खोला जाएगा। मैहर (मध्य प्रदेश) की सिद्ध महामृत्युंजय संस्थान की ओर से सेक्टर-22 संगम विहार स्थित शिविर में ज्योतिषाचार्य हरिकृष्ण शुक्ल शास्त्री की अगुवाई में यंत्र लगाया जा रहा है।
संस्थान के पीठाधीश्वर स्वामी सहजानंद सरस्वती बताते हैं, महाकुंभ में सकारात्मक ऊर्जा और लोक कल्याण के लिए अलौकिक महामृत्युंजय यंत्र की स्थापना की जा रही है। देश में सबसे पहले प्रयागराज के महाकुंभ में यंत्र को स्थापित किया जा रहा है। विश्व के प्रथम दिव्य एवं सबसे बड़े यंत्र की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई 52-52 फीट रखी गई है। यंत्र में स्थापित होने वाले अलग-अलग उपकरण मुंबई समेत देश के कई हिस्सों में तैयार किए गए हैं। यंत्र की परिक्रमा मात्र से ही लोगों को लाखों महामृत्युंजय जप करने के बराबर लाभ होगा। महाकुंभ में सिद्ध करने के बाद यंत्र को मैहर में नदी के किनारे स्थापित किया जाएगा। पांच धातुओं से तैयार किया जा रहा है यंत्र स्वामी सहजानंद सरस्वती ने बताया कि यंत्र का निर्माण पांच धातुओं के मिश्रण से किया जा रहा है। इसमें सबसे ज्यादा मिश्रण लोहे का है। साथ ही 31.20 किलो पंच धातु का इस्तेमाल किया गया है। यहां रोजाना हवन यज्ञ के साथ ही पूजन होगा। पूजन का समापन महाशिवरात्रि पर होगा। इस दौरान पार्श्व गायिका अनुराधा पौडवाल, शंकर साहनी, अनूप जलोटा, मनोज तिवारी का कार्यक्रम भी होगा। महामृत्युंजय यंत्र के दर्शन का आमंत्रण प्रधानमंत्री और सीएम को भी दिया गया है।