अंतरराष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि विश्व में विभिन्न प्रकार के संघर्ष, आतंकवाद और असहमति फैल रही है। ऐसे में मानवता को एकजुट करने के लिए एक ठोस प्रयास की आवश्यकता है। कहा कि महाकुंभ मेला एकजुटता का प्रतीक है। महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह पूरी दुनिया के लिए मानव एकजुटता का सबसे बड़ा महोत्सव है। इस मेले में करोड़ों श्रद्धालु एकजुट होकर सामाजिक, धार्मिक, और सांस्कृतिक सौहार्द का प्रतीक बनते हैं। प्रत्येक 12 वर्ष में होने वाला महाकुंभ सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है। जहां लाखों लोग विभिन्न धर्म, जाति और संप्रदाय से होकर भी एक ही लक्ष्य के साथ इकट्ठा होते हैं। यह मेला एक वैश्विक मंच है। जहां प्रत्येक व्यक्ति अपने व्यक्तिगत, सामाजिक और धार्मिक भेदभाव को भूलकर एक ही उद्देश्य की ओर बढ़ते हैं और वह है परमात्मा की कृपा प्राप्त करना, समाज में शांति व सद्भावना स्थापित करना।