मेलाधिकारी ने प्रमुख नगर विकास अमृत अभिजात और प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी अजय चौहान को भी इसकी जानकारी दी है। कहा है कि पांटून पुलों और चकर्ड प्लेट सड़कों का निर्माण अत्यंत धीमा होने से साधु-संतों में रोष व्याप्त हो रहा है। इससे मेला प्राधिकरण की छवि धूमिल हो रही है।

Meladhikari sent worrying report to government on sluggish settlement of Mahakumbh, warning to five XENs

महाकुंभ के प्रथम स्नान पर्व में महज 25 दिन शेष हैं और अभी तक पांटून पुल बन सके और न ही सड़कें। लगातार निर्देशों के बावजूद काम में रफ्तार नहीं आने के बाद मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने पीडब्ल्यूडी के पांच अधिशासी अभियंताओं के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेजी है। इन्हें 20 दिसंबर तक काम पूरा करने या फिर कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा है। मेलाधिकारी ने प्रमुख नगर विकास अमृत अभिजात और प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी अजय चौहान को भी इसकी जानकारी दी है। कहा है कि पांटून पुलों और चकर्ड प्लेट सड़कों का निर्माण अत्यंत धीमा होने से साधु-संतों में रोष व्याप्त हो रहा है। इससे मेला प्राधिकरण की छवि धूमिल हो रही है। पीडब्ल्यूडी के निर्माण खंड तीन, चार, पांच, छह और प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंताओं को लिखी चिट्ठी में मेलाधिकारी ने कहा है कि पीडब्ल्यूडी का काम अत्यंत धीमा होने से मेले की बसावट प्रभावित हो रही है। इससे प्रयागराज मेला प्राधिकरण की छवि धूमिल हो रही है। यह अत्यंत खेदजनक है कि मेले के महत्वपूर्ण मार्ग यानी संगम लोवर, हर्षवर्धन, मुक्ति मार्ग, अन्नपूर्णा मार्ग, शंकराचार्य मार्ग और तुलसी मार्ग पर काम अत्यंत कम हुआ है।

इसके अलावा त्रिवेणी, काली, महावीर, अक्षयवट, मोरी, ओल्ड जीटी, नागवासुकि, हरिश्चंद्र, भरद्वाज, अनंत माधव, बजरंग दास, कैलाशपुरी और संकटमोचन मार्गों पर काम भी या तो धीमा है या जहां हुआ भी है तो गुणवत्तापूर्ण नहीं है। इन मार्गों पर बिना क्लैंपिंग के चकर्ड प्लेट फेंक देना भी आम बात है। यह स्थिति कतई स्वीकार्य नहीं है।

महाकुंभ-2025 में बनाए जाने वाले 30 पांटून पुलों में से अब तक सिर्फ पांच पुल ही बन पाए हैं, जो लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रवैये को परिलक्षित करता है। कई बार बैठकों में उल्लेख करने के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं है। मेलाधिकारी ने पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं को चेताया है कि 20 दिसंबर तक प्रमुख मार्गों और पांटून पुलों का निर्माण पूरा करें, अन्यथा मेले की बसावट पर प्रतिकूल प्रभाव डालने जैसी लापरवाही के लिए जिम्मेदार मानते हुए कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए शासन से संस्तुति की जाएगी।

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Uttarakhand