पीएम मोदी ने महाकुंभ और प्रयागराज के आध्यात्मिक अनुभव को व्यक्त करने की शुरुआत संत तुलसी की चौपाई- माघ मकरगत रवि जब होई/ तीरथपतिहिं आव सब कोई..से की। उन्होंने बताया कि जब सूर्य मकर में प्रवेश करते हैं, तब सभी दैवीय शक्तियां, सभी तीर्थ, सभी ऋषि, महर्षि, मनीषी प्रयाग में आ जाते हैं।

Even Puranas are not complete without Prayagraj, the benefits of one dip are equal to crores of pilgrimages

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प्रयागराज और महाकुंभ की महिमा को वेद-पुराणों,ग्रंथों के आख्यानों के जरिए परिभाषित किया। महाकुंभ के संगम स्नान को लेकर तुलसी की चौपाई भी पढ़ी और वेद ऋचाओं के रूप में संस्कृत के तीन श्लोकों की व्याख्या कर महाकुंभ के महात्म्य और आध्यात्मिक अनुभव को समझाया। पीएम मोदी ने महाकुंभ और प्रयागराज के आध्यात्मिक अनुभव को व्यक्त करने की शुरुआत संत तुलसी की चौपाई- माघ मकरगत रवि जब होई/ तीरथपतिहिं आव सब कोई..से की। उन्होंने बताया कि जब सूर्य मकर में प्रवेश करते हैं, तब सभी दैवीय शक्तियां, सभी तीर्थ, सभी ऋषि, महर्षि, मनीषी प्रयाग में आ जाते हैं। यह वह स्थान है जिसके प्रभाव के बिना पुराण पूरे नहीं होते। यह वह स्थान है, जिसकी प्रशंसा वेद की ऋचाओं ने की है। प्रयाग वह है जहां पग-पग पर पवित्र स्थान है, जहां पग- पग पर पुण्य क्षेत्र है।

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