हरिद्वार में अगले साल कुंभ का आयोजन तय समय पर होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों की शनिवार को सचिवालय में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस मौके पर श्री पंचदशनाम जूना भैरव अखाड़ा के तत्वावधान में हरिद्वार से निकाली जाने वाली छड़ी यात्रा को भी अनुमति दी गई। तय हुआ कि कोविड को देखते हुए छड़ी यात्रा प्रतीकात्मक रूप में निकलेगी और इसमें संतों की संख्या सीमित रहेगी।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि कुंभ के दिव्य और भव्य आयोजन के लिए सरकार दृढ़ संकल्पित है। साथ ही, विश्वास जताया कि सभी अखाड़ों के संत महात्माओं के सहयोग से यह आयोजन सफल होगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कुंभ मेले से जुड़े स्थायी व अस्थायी प्रकृति के सभी निर्माण कार्य 15 दिसंबर से पहले पूर्ण कराने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने सभी अखाड़ों के सुझावों के मद्देनजर नील धारा समेत अन्य क्षेत्रों में बनने वाले स्नान घाटों के नाम 13 अखाड़ों के ईष्ट देवों के नाम पर रखने, वर्ष 2010 के कुंभ की भांति इस बार भी उतने ही क्षेत्रफल में कुंभ मेले का आयोजन करने, मंसा देवी हिल बाईपास सड़क को मेले के दौरान उपयोग में लाने, आंतरिक सड़कों के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश भी दिए।