गढ़मुक्तेश्वर। ढाई सप्ताह बाद गंगा में फिर काला पानी बहता नजर आया है। जिसे लेकर स्थानीय लोगों समेत भक्तों में रोष है। गुस्साए तीर्थपुरोहित और केवट संघ ने बुधवार को प्रदर्शन कर गंगा में आ रहे काले पानी पर रोक न लगने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
पवन सरपंच, राजकुमार लालू, अमित शुक्ला का कहना है कि भारत समेत विश्व के करोड़ों लोगों की अटूट धार्मिक आस्था से जुड़ी होने के साथ ही गंगा देश की खुशहाली की प्रतीक भी है। लेकिन इसके बाद भी फैक्ट्रियों से लेकर आवासीय क्षेत्रों का गंदा पानी उसमें डाला जा रहा है।
राजकुमार शर्मा, नंदकिशोर, सतीश केवट, दलबीर केवट का आरोप है कि बिजनौर में कई चमड़ा फैक्ट्री काम कर रही हैं, जो रात का अंधेरा होते ही अपना गंदा पानी गंगा में छोड़ देती हैं। धर्मपाल, मंगत, संजय राणा मोनू वर्मा का कहना है कि प्रदूषित पानी आने से गंगा जल को पीना और उसमें स्नान करना तो दूर बल्कि उससे आचमन तक करना दूभर है।
मंटूरा सैनी, रूपा केवट, बिल्लू शर्मा का कहना है कि स्थानीय प्रशासन ने 28 नवंबर को यह आश्वासन दिया था कि गंगा में गिर रहे दूषित पानी पर प्रभावी ढंग से रोक लगाई जाएगी, लेकिन अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाई है।

 

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