संतूर वादक पद्म विभूषण पंडित शिव कुमार शर्मा कई बार कानपुर आना हुआ। उनकी मौत से संगीत प्रेमियों में गहरा दुख है।

मशहूर संतूर वादक पद्म विभूषण पंडित शिव कुमार शर्मा के निधन पर कानपुर के संगीत प्रेमियों में गहरा दुख है। शिव कुमार ने कई मौकों पर शहर आकर अपने संतूर वादन की प्रस्तुति दी और लोगों को अपना मुरीद बना लिया। बतौर संतूर वादक ही नहीं, कई बार व्यक्तिगत कार्यक्रमों में भी उनका शहर आना हुआ है। 2006 में लाजपत भवन में मुन्नू गुरु संगीत संध्या में लोगों से रूबरू होना, उनके संतूर की धन लोगों के जेहन में आज भी ताजा है।तब उन्हें उस साल के लिए मुन्नू गुरु संगीत अवार्ड से नवाजा गया था। इसके बाद आईआईटी के स्पिक मैके कार्यक्रम में भी प्रस्तुति दे चुके हैं। साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था स्मृति हर साल शहर में लाजपत भवन में भारतीय शास्त्रीय संगीत प्रेमियों के लिए संगीतमय संध्या का आयोजन कराती है। इसमें हर साल शास्त्रीय संगीत के एक प्रमुख हस्ताक्षर को मुन्नू गुरु संगीत अवार्ड दिया जाता है।

इस साल 27 मार्च को हुए कार्यक्रम में पद्म विभूषण उस्ताद राशिद खान को यह अवार्ड मिला था। संस्था के संयोजक राजेंद्र मिश्र बब्बू ने बताया कि पंडित शिव कुमार शर्मा का निधन संगीत की दुनिया के लिए बहुत बड़ी क्षति तो है ही, उनके लिए व्यक्तिगत क्षति भी है। कई मौकों पर जब कानपुर आए तो रात का खाना घर पर ही करते थे। वह परिवार के एक बड़े बुजुर्ग की तरह थे। कई मौकों पर उनसे व्यक्तिगत सलाह लेना हो या फिर संस्था की ओर से होने वाले कार्यक्रमों के बारे में भी मार्गदर्शन लेना हो, उन्होंने हमेशा परिवार के वरिष्ठजन की तरह रास्ता दिखाया।

By Tarun

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