कश्मीर में लगातार हो रही हिंदुओं की हत्या से घाटी का माहौल खराब करने की आतंकियों की कायराना कोशिश लगातार जारी है। जिस वजह से 100 से अधिक कश्मीरी पंडितों ने घाटी से जम्मू की ओर पलायन कर दिया है।

रजनी बाला की हत्या के बाद से हम सभी खौफ के माहौल में जी रहे हैं। हम सरकार के जवाब का इंतजार कर रहे हैं, हमने सरकार से कश्मीर से बाहर स्थानांतरित करने के लिए कहा था। हम सुबह तक सरकार के ठोस कदम का इंतजार करेंगे अन्यथा सब समेट कर चले जाएंगे। जिन लोगों को सरकारी क्वार्टर मिले हैं, उनकी चाबियां हम डीसी ऑफिस में सौंप देंगे।
श्रीनगर में बैरिकेड लगाकर रोका जा रहा
श्रीनगर के इंदिरा नगर के एक स्थानीय निवासी ने बताया कि कुछ लोग रात में ही यहां से जम्मू के लिए रवाना हो गए हैं, लेकिन सुबह से नहीं निकलने दिया। मोहल्लों के बाहर बैरिकेड लगा दिए गए हैं। कैंप के बाहर भी ताले लगाए गए हैं।
कुपवाड़ा में वीडियो वायरल
इस बीच उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले से भी एक वीडियो सामने आया है जिसमें कश्मीरी पंडित यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि हम जम्मू जाने के लिए सामूहिक पलायन के लिए तैयार हो रहे हैं। हम यहां से सामान ले जाने के लिए ट्रकों का पता करने आए हैं।
जम्मू पहुंच रहे घाटी में तैनात शिक्षक
कश्मीर संभाग के विभिन्न जिलों में कार्यरत जम्मू संभाग के शिक्षक घाटी छोड़ जम्मू की तरफ रुख कर रहे हैं। कई शिक्षक बुधवार को रजनी बाला के अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए। कश्मीर संभाग के कुलगाम, बांदीपोरा, अनंतनाग, बारामुला, शोपियां सहित अन्य जिलों में जम्मू संभाग के हजारों शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें कश्मीरी पंडित और अनुसूचित जाति के कर्मचारी हैं। कुलगाम में ही कार्यरत एक शिक्षक ने बताया कि सभी में डर का माहौल है। उन्होंने कहा कि 2011 में मेरी तैनाती अनुसूचित जाति कोटा के तहत हुई थी। कहा, सरकार हमारी तैनाती सुरक्षित स्थानों पर करे या फिर हमारा तबादला जम्मू संभाग के जिलों में करें।
कुलगाम में शिक्षिका रजनी बाला की हत्या के बाद कश्मीर पंडितों की घाटी से सामूहिक पलायन की चेतावनी को देखते हुए बुधवार को श्रीनगर के इंदिरा नगर और शिवपोरा इलाके में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई। पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। इसबीच कश्मीरी पंडितों ने आरोप लगाया कि उन्हें नजरबंद कर दिया गया है। सुरक्षा बल किसी को बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं। आने-जाने के सभी प्वाइंट सील कर दिए गए हैं। दवा लेने जाना भी मुश्किल हो रहा है। इंदिरा नगर और शिवपोरा वो इलाके हैं जहां लगभग 300 कश्मीरी पंडित परिवार किराए पर रहते हैं।
श्रीनगर के इंदिरा नगर और शिवपोरा की ओर जाने वाले हर रास्ते पर बुधवार को पुलिस के मोबाइल बंकर और जवान तैनात नजर आए। इसके अलावा अंदरूनी इलाकों में भी अतिरिक्त बलों की तैनाती थी। अंदर जाने वाले और बाहर आने वाले हर गाड़ी और शख्स की तलाशी के साथ साथ शिनाख्ती कार्ड भी चेक किये जा रहे थे। कश्मीरी पंडितों के अनुसार, उन्हें बाहर निकलने नहीं दिया गया। इंदिरा नगर इलाके में स्थित श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर परिसर में करीब 100 कश्मीरी पंडित बुधवार को एकत्रित हुए थे जिन्हें बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा था। कश्मीरी पंडितों ने दावा किया कि उन्हें बंधक बनाया गया है।
बबलू (बदला हुआ नाम) ने बताया, मंदिर के अंदरकरीब 100 से अधिक लोग मंदिर परिसर में जमा हैं। मैंने सुबह कोशिश की थी कि बाहर जाकर मां के लिए दवा ला सकूं परुंतु मुझे जाने नहीं दिया गया।
एक अन्य कश्मीरी पंडित रजनीश (बदला हुआ नाम) ने कहा, कल रजनी बाला का कत्ल किया गया और वो भी स्कूल परिसर के अंदर। यह कार्यालय के अंदर चौथी घटना है। इसलिए हम पिछले करीब तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं जितने भी अल्पसंख्यक हैं कश्मीर घाटी में उन्हें यहां से तबादला कर जम्मू में सुरक्षित स्थानों पर तैनात किया जाए।
जब भी यहां हालात ठीक होंगे तो हम वापस आने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि चार लोगों की शहादतों के बाद अब हमारा धैर्य चुक गया है। मंगलवार को हमने सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। हमने कहा था कि अगर बुधवार दोपहर 3 बजे तक सरकार की ओर से कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया तो हम सामूहिक पलायन करेंगे।
इंदिरा नगर निवासी बंटू (बदला हुआ नाम) ने कहा, हम रात के अंधेरे में यहां से जाना नहीं चाहते। हमने अपने प्रतिनिधिमंडल के जरिये अपनी मांग रखी है और यह फैसला लिया है कि मांगें न मानने पर सामूहिक पलायन करेंगे। हमारे पास अब एक ही विकल्प है कि अपनी और अपने परिवार की जान बचाएं। उन्होंने कहा कि आज की स्थिति यह है कि हमें बंधक बना के रखा गया है। बच्चों को स्कूल भी जाने की अनुमति भी नहीं दी गई। ऐसी खबरें घाटी के दूसरे स्थानों से भी मिल रही हैं कि कश्मीरी पंडितों को उनके ट्रांजिट कैंप के बाहर नहीं निकलने दिया गया।
कश्मीर पंडितों का आंदोलन तेज
बडगाम के चाडूरा तहसील कार्यालय में हुई कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट की 12 मई को हुई हत्या के बाद से प्रदर्शन कर रहे कश्मीरी पंडितों का आंदोलन कुलगाम में शिक्षिका रजनी बाला की हत्या के बाद और उग्र हो गया है। जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें सुरक्षित स्थानों पर तैनात किया जाए।
सुरक्षा कारणों से रोका गया
आधिकारिक तौर पर कोई प्रशासनिक अधिकारी इस मुद्दे पर बोलने को तैयार नहीं है। पुलिस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उन्हें पिछले कुछ दिनों से इनपुट हैं कि शहर में आतंकी कश्मीरी पंडितों को निशाना बना सकते हैं। इसलिए एहतियातन उन्हें समूह में बाहर नहीं निकलने दिया गया। उनकी सुरक्षा को भी बढ़ाया गया ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। सूत्रों ने बताया कि किसी की मजबूरी में उसे सुरक्षा घेरे से बाहर जाने दिया गया, सिर्फ सुरक्षा कारणों से समूह में जाने से रोका जा रहा है।