सोमवार तड़के से हरिद्वार के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा है। सोमवती अमावस्या पर हजारों लोगों ने यहां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। स्नान-पूजा अर्चना के साथ ही लोग दान-पुण्य कर रहे हैं। वहीं श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद है।
सोमवती अमावस्या स्नान से पहले रविवार को जीआरपी और आरपीएफ की टीम ने बम निरोधक दस्ते व डॉग स्क्वाड के साथ रेलवे स्टेशन परिसर, प्लेटफार्मों व ट्रेनों में चेकिंग अभियान चलाया था। इसके साथ ही संदिग्धों से भी पूछताछ की गई। सोमवती अमावस्या स्नान को लेकर बड़ी संख्या में श्रद्धालु ट्रेनों से रविवार को हरिद्वार पहुंचे थे।

सुरक्षा के मद्देनजर जीआरपी थाना प्रभारी अनुज सिंह और आरपीएफ प्रभारी डीएस चौहान ने डॉग स्क्वाड व बम निरोधक दस्ते के साथ चेकिंग अभियान चलाया। रेलवे स्टेशन परिसर, आरक्षण कक्ष, यात्री प्रतीक्षालय, प्लेटफॉर्म पर चेकिंग की गई। इसके साथ ही यात्रियों के सामान की भी तलाशी ली गई। यात्रियों के बैग खुलवाकर चेक किया गया। जीआरपी थाना प्रभारी अनुज सिंह ने बताया कि सोमवती अमावस्या स्नान को लेकर सतर्कता बरती जा रही है।

सोमवती अमावस्या 2022
सोमवती अमावस्या स्नान को लेकर जिला प्रशासन ने मेला क्षेत्र को सुरक्षा और व्यवस्था की दृष्टि से पांच सुपर, 16 जोन और 39 सेक्टरों में बांटा है।
सोमवती अमावस्या 2022, हरिद्वार गंगा घाट
डीएम व एसएसपी ने निर्देश दिए कि रविवार रात को ही सभी घाटों को खाली करा दिया गया था। दरअसल बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरकी पैड़ी और आसपास के घाटों पर ही सो जाते हैं। ऐसे में तड़के से शुरू होने वाले स्नान के दौरान दिक्कत न हो, इसलिए रात दो बजे ही घाट श्रद्धालुओं के लिए खाली करा दिए गए।
सोमवती अमावस्या 2022, हरिद्वार गंगा घाट
सोमवती अमावस्या स्नान के लिए विभिन्न राज्यों से हाईवे पर वाहनों का रेला उमड़ पड़ा। वाहनों को मंगलौर बाईपास से सीधे हरिद्वार न भेजते हुए वाया लक्सर डायवर्ट कर दिया गया लेकिन इस मार्ग पर फाटक पड़ने और रास्ते में मार्ग के निर्माण कार्य के चलते जगह-जगह लंबा जाम लगा रहा।
सोमवती अमावस्या 2022, हरिद्वार गंगा घाट
माना जा रहा था कि दिल्ली-हरिद्वार हाईवे और मंगलौर बाईपास के फोरलेन होने से हरिद्वार व चारधाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को जाम से निजात मिल जाएगी,लेकिन सोमवती अमावस्या पर्व पर जो नजारा देखने को मिला उससे साफ हो गया है कि फोरलेन भी कम पड़ रहे हैं।

By Tarun

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