- आवंटित भूमि से अधिक क्षेत्रफल पर दुकानों के अलावा रैंप के अवैध निर्माण पर सेना ने दोबारा भेजा नोटिस
- प्रयागराज मेला प्राधिकरण को भी रक्षामंत्रालय ने हनुमान मंदिर मामले में लिखा पत्र

आवंटित भूमि से अधिक क्षेत्रफल पर अवैध दुकानों के अलावा मनमाना तरीके से गराए गए रैंप और अन्य निर्माणों को लेकर संगम किनारे स्थित बड़े हनुमान प्रबंधन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सेना ने मंदिर परिसर के आसपास से अवैध निर्माण और अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किया है। सेना चाहती है कि मंदिर प्रबंधन खुद से अवैध निर्माणों को हटा ले। अगर ऐसा नहीं किया गया तो सेना की ओर से अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई शुरू की जा सकती है।
मठ बाघंबरी गद्दी और संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर के महंत और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे नरेंद्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने के बाद सेना ने एक बार फिर अभी भूमि खाली कराने के लिए पहल शुरू कर दी है। सेना की ओर से प्रयागराज मेला प्राधिकरण को भूमि की पैमाइश कराने के लिए कहा गया है। बड़े हनुमान मंदिर के आसपास मूल मंदिर के अलावा परिसर का क्षेत्र काफी बड़ा है। इसमें कई दुकानें बन गई। मौजूदा समय वहां लड्डू के अलावा, पूजा और प्रसाद की कई अवैध दुकानों का निर्माण करा लिया गया है।
इन दुकानों का संचालन मंदिर प्रबंधन ही अपने आदमियों से करवा रहा है और इससे हर महीने लाखों रुपये की कमाई की जा रही है। इसके अलावा मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर प्रबंधन ने रैंप का भी निर्माण कराया है। यह रैंप भी मंदिर को आवंटित भूमि के अलावा है। इस पर सेना ने आपत्ति जताई है।