श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय का कहना है कि ज्ञानवापी के वजूखाने में मिला पत्थर शिवलिंग ही है। जिसको लोग मस्जिद बता रहे हैं वह मंदिर है और मंदिर ही रहेगा। सर्वे के दौरान दीवारों पर मिले सबूत इसको सिद्ध करने के लिए काफी हैं। इस मुद्दे को न्यास परिषद की बैठक में भी रखा जाएगा। हमने शासन, प्रशासन और कोर्ट से शिवलिंग की पूजा का अधिकार मांगा है।
प्रो. पांडेय ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर में सिर्फ ऊपरी हिस्सा मस्जिद के आकार का है और बाकी हिस्सा तो मंदिर का है। तीन दिनों तक चली कमीशन की कार्रवाई के दौरान जो भी चीजें सामने आई हैं वह खुद ब खुद बता रही हैं कि वहां पर कभी मस्जिद नहीं थी।
शिवलिंग को न्यास परिषद को सौंप दिया जाए
उन्होंने दावे के साथ कहा कि वजूखाने में जो पत्थर मिला है वह शिवलिंग ही है। कभी भी कोई शिवलिंग या ज्योर्तिलिंग एक नहीं होता है, उसके आसपास ढेर सारे शिवलिंग विराजमान होते हैं। शिवलिंग मिल चुका है तो अब उसकी प्राण प्रतिष्ठा भी जरूरी है।
काल ने फिर से करवट ली है…
