राज्यपाल ने कहा कि गीताप्रेस ने धर्म की सुगंध को देश-दुनिया में फैलाया है। कभी अति दुर्लभ होने वाली धार्मिक पुस्तकें गीताप्रेस की वजह से आज सर्वसुलभ हो गई हैं। उन्होंने गीताप्रेस के आगंतुक रजिस्टर में अपनी भावनाएं भी लिखीं। उन्होंने लिखा है- ‘गीताप्रेस गोरखपुर अपने कार्यकाल की शताब्दी मनाने जा रहा है। इसने संस्कृति व राष्ट्रवाद के प्रति अहम भूमिका निभाई है। यह देश के लिए प्रेरक है।

हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने कहा कि गीता प्रेस का काम देश के लिए प्रेरक है। गीता प्रेस ने अपने देश के सम्मान, जीवन, संस्कृति और राष्ट्रवाद के प्रति अहम भूमिका निभाई है।दो दिवसीय (12-13 मई) दौरे पर आए हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने शुक्रवार सुबह गोरखनाथ मंदिर जाकर गुरु गोरखनाथ के दर्शन किए। साथ ही ब्रह्मलीन महंत दिग्विजनाथ और महंत अवेद्यनाथ के समाधिस्थल पर जाकर शीश नवाया। पत्नी के साथ आए राज्यपाल करीब 45 मिनट तक गोरखनाथ मंदिर परिसर में रहे। अखंड धूना पर गए। धूना के बारे में मंदिर के पुजारी से जानकारी ली।वहां पर त्रिशूल चढ़ाया और माथे पर भभूत भी लगाया। भीम सरोवर पर गए। भीम की लेटी हुई प्रतिमा देखी और उसके बारे में जानकारी ली। मंदिर से जुड़े लोगों ने भीम के आने वहां विश्राम करने की बात बताई। मंदिर भ्रमण करने के बाद सोफा कक्ष में गए और मंदिर का प्रसाद मट्ठा, मिष्ठान ग्रहण किया। इसके बाद धार्मिक पुस्तकों की पाई के प्रमुख केंद्र गीता प्रेस गए।

राज्यपाल ने अपनी पत्नी के साथ गीता प्रेस के साथ ही लीला चित्र मंदिर जाकर दर्शन-पूजन किया। लीला चित्र मंदिर में लगे हाथों से बनें प्राचीन चित्रों सहित अन्य साहित्यों को देखा और खुशी जताई। राज्यपाल ने गीता प्रेस की विजिटर बुक में लिखा- ‘गीता प्रेस गोरखपुर अपने कार्यकाल का शताब्दी वर्ष मनाने जा रहा है। आपका कार्य पूरे देश के लिए प्रेरक है।

इस दौरान गीता प्रेस के ट्रस्टी बैजनाथ अग्रवाल ने उन्हें अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। गीता प्रेस की ओर से उन्हें श्रीमद्भागवत गीता साधक-संजीवनी मराठी भेंट की गई। इस मौके पर देवीदयाल अग्रवाल, ईश्वर प्रसाद पटवारी, प्रबंधक डॉ लाल मणि तिवारी, आशुतोष उपाध्याय, नरेंद्र कुमार, कौशल किशोर मणि त्रिपाठी, हरिप्रसाद अग्रवाल, राजेश शर्मा, संतोष कुमार पारीक, संजय दुबे, रूपेश चौबे, निकुंज अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

गुरु गोरखनाथ की तपो भूमि पर आकर मन प्रफुल्लित : आर्लेकर
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने गोरखनाथ मंदिर की विजिटर बुक में भी संदेश लिखा है। पत्नी के साथ पहली बार गोरखपुर आए राज्यपाल ने लिखा कि युग पुरुष श्रीश्रीश्री गुरु गोरखनाथ की पावन स्थली पर आकर तन-मन प्रफुल्लित हुआ। पूजा-पाठ से चली आई परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर समृद्ध होती है। सर्वशक्तिमान परमेश्वर गोरखनाथ और अन्य गुरुओं की देशवासियों पर कृपा बनी रहे, यही प्रार्थना है। शुभभवतु।

इससे पहले गोरखनाथ मंदिर में राज्यपाल व उनकी पत्नी का स्वागत किया गया। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. यूपी सिंह, मंदिर के सचिव द्वारिका तिवारी, वीरेंद्र सिंह ने स्वागत किया। आचार्य रामानुज व वेदपाठी ब्राह्मणों ने मंत्रोच्चार के बीच विधि विधान से पूजा कराई। शिक्षा परिषद के अध्यक्ष ने शिक्षा व चिकित्सा के क्षेत्र में गोरक्षपीठ के बेहतर कार्यों की जानकारी भी दी।

By Tarun

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhand